
रायगढ़।।यह बात तो साफ हो गया है कि ओपी रायगढ़ से चुनाव लड़ते है तो उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा।इसकी मुख्य वजह यह है कि उनका लोगो के बीच जनाधार नही होना तथा रायगढ़ के सर्वसमाज का उनको नकारा जाना इस बात पर मुहर लगाता है कि रायगढ़ की जनता किसी भी बाहरी प्रत्यासी पर भरोसा नही करेगी ।ऐसें में ओपी को जो रायगढ़ से चुनाव लड़ने की सलाह दे रहे है वे उनके हितैसी नही है बल्कि उनके राजनीतिक करियर पर सेंध लगाना चाहते है ।
चंद्रपुर और सक्ति से चुनाव लड़ना शायद ओपी के लिए सेफ होगा…
ओपी चौधरी वर्तमान में भाजपा के बड़े नेता है और उन्हें अपने साथ साथ भाजपा की साख का खयाल रखना चाहिए ।भले ही पार्टी के कुछ स्वार्थी लोग उन्हें रायगढ़ से चुनाव लड़ने की सलाह दे रहे हो लेकिन ओपी भाजपा सरकार बनाने की दिशा में काम करना चाहते है तो उन्हें चंद्रपुर या सक्ति से चुनाव लड़ना चाहिए यह हम नही कह रहे बल्कि कुछ राजनीति के रणनीतिकारों का मानना है ।कहते है कि रायगढ़ की जनता केवल क्षेत्रीय नेता को ही समर्थन करेंगे और ऐसे में ओपी अगर पार्टी के कुछ स्वार्थी लोगो के बात में आकर रायगढ़ से चुनाव लड़ने का मन बना रहे है तो उनके लिए और भाजपा के लिए भी नुकसान देय हो सकता है. हो सकता है हार मिली तो ओपी का राजनीतिक करियर भी तबाह हो सकता है इसके अलावा भाजपा के प्रदेश में सरकार बनाने का सपना भी टूट जाएगा ।
रायगढ़ से भाजपा हारी तो चंद्रपुर सीट भी हाथ से चला जायेगा…
आपको बता दे चंद्रपुर सीट ओपी के लिए सुरक्षित सीट हो सकता है क्योंकि ओपी जांजगीर के कलेक्टर रह चुके और सबसे बड़ी बात यह है कि चंद्रपुर से उनका घरेलू नाता है इस सीट में अघरिया समाज के सबसे ज्यादा वोटर भी है जिस लिहाज से ओपी बड़े ही आसानी से जीत दर्ज कर सकेंगे।बात रायगढ़ की करें तो यहां भाजपा के लिए स्थानीय कई चेहरे है जो भाजपा को जीत दिलाने का दम रखते है ।ऐसे में रायगढ़ और चंद्रपुर भाजपा की झोली में जा सकती है और भाजपा के सरकार बनाने की राह आसान हो सकती है ।