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ओपी के कार्यकाल में बने एजुकेशन सिटी का मोदी ने भरी सभा में किया जिक्र…..

  • ओपी के जादूई कामों के करिश्में की होने लगी जन चर्चा
  • शिक्षा के क्षेत्र में सौ करोड़ से अधिक की लागत से पहला उल्लेखनीय कार्य ओपी के प्रयासों की देन

डमरुआ न्युज/ रायगढ़ : बतौर कलेक्टर ओपी के कामों का जादुई करिश्मा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। ओपी के कामों की लंबी फेहरिस्त है।शिक्षा के क्षेत्र में सौ करोड़ से अधिक की लागत से पहला उल्लेखनीय कार्य ओपी के प्रयासों की देन माना जाता है।विगत दिनों बस्तर में हुई प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी सभा में आम जनता के आमने कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा कार्यकाल के दौरान दंतेवाड़ा के जवांगा में निर्मित एजुकेशन सिटी का जिक्र किया।एजुकेशन सिटी की चर्चा करते कर भाजपा कांग्रेस की सरकारों के कार्यपद्धति का अंतर बताते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा वे स्वयं इस एजुकेशन सिटी की देखने गए थे। विदित हो कि दंतेवाड़ा में बतौर कलेक्टर अपनी पदस्थापना के दौरान ओपी चौधरी ने न केवल एजुकेशन सिटी परियोजना का मॉडल बनाया बल्कि इसे पूरा करते हुए आम जनता के लिए लोकार्पित भी किया।

रायगढ़ के माटी पुत्र ओपी चौधरी ने कलेक्टर बनकर छत्तीसगढ़ को पहले आई ए एस का गौरव दिलाया। ओपी चौधरी की इस उपलब्धि से रायगढ़ वासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। नक्सल क्षेत्र में जाने से अफसर कन्नी काटते है लेकिन अपनी पदस्थापना के लिए ओपी ने नक्सल क्षेत्र का चयन कर तात्कालिक मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी चौकाया। घनघोर नक्सली क्षेत्र के जंगलो में विकास की किरणे धरती को छू भी नहीं पाती थी अज्ञानता का घनघोर अंधकार चारो ओर फैला हुआ था। जीवन के बाद मृत्यु की राह देखते इन आदिवासी भाईयो के लिए सरकारी सुविधाओं के कोई मायने नहीं थे। जान बचाने की जद्दोजहद में स्थानीय निवासी स्कूल नही से कतराते थे। नक्सली गतिविधियों की वजह से सरकारी सिस्टम भी बेबस ही था। आए दिन नक्सली गतिविधियां एवम संसधानो का अभाव की वजह से इस क्षेत्र एजुकेशन सिटी जैसी परियोजनाओं को पूरा बहुत ही कठिन था। विपरित परिस्थियों में कार्य करने के अभ्यस्त ओपी चौधरी ने सभी चुनौतीयो को मुस्कुराते हुए स्वीकार किया। नक्सली शिक्षा के विरोधी होते है नक्सलियों का यह मानना है कि यदि आदिवासी शिक्षित हो गए तो उन्हे परास्त कर पाना कठिन है। वे शिक्षण गतिविधियों का प्रसार प्रचार करने वालो के जान के दुश्मन बने हुए थे। ओपी चौधरी आदिवासियों को मौलिक एवं बुनियादी शिक्षा दिए जाने के पक्षधर रहे नक्सली और उनके मध्य एक विचार धारा की लड़ाई थी इसलिए नक्सली ओपी चौधरी के जान के दुश्मन बने हुए थे। एजुकेशन सिटी के निर्माण कार्य को रोकने के बहुतेरे प्रयास हुए। ओपी ने निजी चैनल के दिए इंटरव्यू के दौरान एजुकेशन सिटी के निर्माण के दौरान आई बाधाओं का जिक्र भी किया। जान के खतरे को भांप कर वे रात भर जागते थे ओर भोर में सोते थे अपने कमरे के ऊपर एक बंकर बनवाया था जिसकी सीढ़ी कमरे के अंदर से होते हुए बंकर तक जाती थी कभी आकस्मिक हमले के दौरान इसे इस्तेमाल किया जाता। दिन में वे ड्राइवर एवम गाड़ी बदल बदल कर आना जाना करते थे।जान की परवाह किए बिना ही ओपी ने एजुकेशन सिटी के निर्माण का बीड़ा उठाया ।शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अदभुत अविस्मरणीय है । बहुत ही कठिन डगर थीं लेकिन ओपी के हौसले बुलंद थे। चुनौतियों की आंधी हर बार बाधा बन जाती लेकिन ओपी का आत्मविश्वास हर बार भारी ही पड़ता। एक साथ बहुत से मोर्चों में डटे रहना बहुत ही कठिन होता है लेकिन ओपी ने स्थानीय आदिवासियों को उनका मूलभूत हक दिलाने के संकल्प लिया । बीहड़ जंगलों में यह कार्य एक तपस्या की तरह ही तो था ।

ओपी की विचारधारा भाजपा की विचार धारा से कुछ मेल भी खाती थी। आदिवासी हितो के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए भाजपा की सरकार ने अपने खजाने का मुंह खोल दिया। एजुकेशन सिटी कोई सरकार का चुनावी वादा नही था बल्कि भाजपा की सरकार में मौजूद रायगढ़ के माटी पुत्र युवा कलेक्टर ओपी चौधरी का सपना था। भाजपा की सरकार ने महसूस किया इस सपने के पूरे होने से विकास की संभावनाएं पूरी हो सकती है। ओपी के इस सपने के पूरा होने से आदिवासियों का हित हो सकता है। ओपी ने दंतेवाड़ा के जवांगा को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने का अहम फैसला लिया और सरकार के साथ सामंजस्य बैठाकर एक मिशन की तरह काम किया। एजुकेशन सिटी डेढ़ सौ एकड़ के परिसर में निर्मित है।पॉलिटेक्निक कॉलेज आईटीआई बीपीओ सेंटर के साथ 13 अन्य शैक्षणिक संस्थान इस परिसर में मौजूद है। 5000 से अधिक विद्यार्थियों को निःशुल्क गुणवता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था को देख अमेरिका रेटिंग एजेंसी KPMG ने इसे विश्व की सौ सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में शामिल किया गया। इस माटी पुत्र के कार्यों की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई। देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी स्वय इस परियोजना को देखने भी गए थे। बस्तर की सभा के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने एक बार फिर इस एजुकेशन हब की चर्चा की और वहां जाने का उल्लेख किया।

इस परियोजना को ओपी चौधरी ने साकार किया है और विश्व की रेटिंग एजेंसी द्वारा इस एजुकेशन सिटी को सौ श्रेष्ठ परियोजनाओं में शामिल किया जाना रायगढ़ वासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश के प्रधान मंत्री मोदी जी ओपी चौधरी द्वारा बनाए गए एजुकेशन सिटी मॉडल की सराहना करते है तो हर रायगढ़ वासी का सीना गर्व से चौड़ा होना लाजमी है। यह परियोजना रायगढ़ के माटी पुत्र ओपी के सपनो की देन है।

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