
अस्पताल सूत्रों के अनुसार मृतकों में 12 नवजात शिशु भी शामिल हैं। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मरीजों के परिजनों ने भी अस्पताल में हंगामा किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दवाओं और स्टाफ की कमी को इसकी वजह बताया जा रहा है।
जिन 12 वयस्कों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर केस सांप के काटे जाने के थे। उन्होंने कहा कि कई मरीजों को बेहद नाजुक हालत में यहां लाया गया था। वाकोडे ने बताया कि 70-80 किलोमीटर के दायरे में यह एकमात्र अस्पताल है और यहां दूर-दूर से मरीज आते हैं।
उधर विपक्ष द्वारा सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी का आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि राज्य के सभी राजकीय अस्पतालों को दवा की आपूर्ति हाफकिन इंस्टीट्यूट द्वारा की जाती है।
इंस्टीट्यूट ने धन की कमी के कारण कुछ समय से दवाओं की खरीद बंद कर दी है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक जताया और जांच एवं कार्रवाई का आश्वासन दिया है।