
डमरुआ न्युज/ हाल ही में यूपी बार काउंसिल ने एक वकील का लाइसेंस 5 साल की अवधि के लिए इस आधार पर निलंबित कर दिया है कि वकील ने मध्यस्थ की क्षमता में कार्य करते हुए मध्यस्थता के एक पक्ष से अपने व्यक्तिगत बैंक खाते में धन प्राप्त किया था।
शिकायतकर्ता गीता साहू ने 21.10.2022 को अपने हलफनामे के साथ इस आधार पर शिकायत दर्ज की कि शिकायतकर्ता के बेटे हिमांशु गुप्ता ने 2016 में रिनी साहू नाम की लड़की से शादी की थी। कुछ समय बाद रिनी साहू (बहू) और उनके बेटे और अन्य परिवार के बीच वैवाहिक विवाद पैदा हो गया। आरोप है कि मायके पक्ष की ओर से विपक्षी नितिन सक्सेना एडवोकेट ने आकर शिकायतकर्ता के पारिवारिक मामले में गलत मंशा से अनावश्यक हस्तक्षेप किया।
शिकायत के अनुसार रिनी साहू ने शिकायतकर्ता के बेटे को बताया कि नितिन सक्सेना शहर में जमीन दिलाने का काम भी करता है। तब शिकायतकर्ता के बेटे ने नितिन सक्सैना से इलाहाबाद में जमीन दिलाने को कहा।
कथित तौर पर कुछ समय बाद नितिन सक्सेना ने हिमांशु को एक जमीन देने की पेशकश की और जमीन की कीमत यानी 35 लाख रुपये मालिक के खाते में जमा करने को कहा। बार-बार अनुरोध करने के बाद हिमांशु ने शाश्वत के खाते में 7 लाख रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन नितिन सक्सेना के खाते में 2.5 लाख रुपये ट्रांसफर किए और 2 लाख रुपये नकद भी दिए।
शिकायत के अनुसार जब बकाया भुगतान नहीं दिया गया तो नितिन सक्सेना ने रिनी साहू पर दहेज और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने का दबाव डाला। इसके अलावा आरोप लगाया गया कि जमानत के समय नितिन सक्सेना ने कोर्ट परिसर में हिमांशु को धमकी दी और कहा कि पैसे भूल जाओ।
नोटिस के बाद विपक्षी अधिवक्ता ने उपस्थित होकर अपना लिखित बयान और आपत्ति दाखिल की और शिकायतकर्ता द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया। विपक्षी ने अपने लिखित बयान के पैरा 2 में कहा कि, विपक्षी और शिकायतकर्ता का बेटा हिमांशु कुमार पूर्व मित्र थे और दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना था, दोनों ने एक साथ पढ़ाई की। शिकायतकर्ता के बेटे को नौकरी मिल गई थी और विपक्षी न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था और माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रैक्टिस कर रहा था। उन्होंने शिकायतकर्ता के बेटे हिमांशु कुमार से पैसे मिलने की बात से भी इनकार किया।