विधानसभा चुनाव 2023 की बिसात लग चुकी है कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी अपने उम्मीदवारों के चयन की अंतिम दौर में पहुंच चुकी हैं।
जांजगीर चांपा से अलग होकर बना नया जिला सक्ति जो विधान सभा क्षेत्र भी है वहा कांग्रेस के कदवार नेता चरण दास महंत का चुनाव लड़ना जहा तय है। वही भाजपा प्रत्याशी की दौड़ में कई नाम हैं। जिनमे सबसे ज्यादा संभावना पूर्व विधायक खिलावन साहू की पार्टी पदाधिकारियों द्वारा बताई जा रही है।
2018 मे खिलावन साहू को पार्टी से टिकट नहीं मिलने से मैदान से बाहर रहे। परंतु यदि इस बार भाजपा डाक्टर साहू को टिकट देती हैं। तब भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस सहित अन्य दलों को कोसने वाली भाजपा क्या जनता को जवाब दे पाएगी ?
क्योंकि 2016-2017 में मुख्यमंत्री स्वेक्षिक अनुदान की राशि का जिस तरह से खिलावन साहू ने बंदरबाट किया था । उसका स्पष्टिकारण अभी जनता को देना बाकि है।
2016 – 17 में 46 लोगो को मुख्यमंत्री स्वेक्षिक अनुदान राशि प्रदान की गई थी। जिनमे कई चेक ऐसे लोग को दिया गया था। जिन्होने कभी आवेदन ही नहीं किया था। या ये कहिए कि उन्हें जरूरत ही नहीं थी। उन्हें तो विधायक महोदय से राशन, या बधाई संदेश के बिल का बकाया वसूल करना था।
अब इस स्थिति में इस अनुदान घोटाले से संबंधित जानकारी का खुलासा कर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश स्तर पर जवाब देगी या खिलावन साहू वोटरों को जवाब देगे? क्योंकि जवाब तो देना पड़ेगा।
कही ऐसा न हो टिकट देना बीजेपी को भारी न पड़ जाए। जिसे सजा मिलना चाहिए उसे पुरूस्कार प्रदान करने पर जवाब सवाल तो उठता है।