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Kanpur News:महिला की जिंदा जलकर हुई मौत का मामला आया सामने…… पढ़ें दर्दनाक दास्तां

डमरुआ न्युज/ कानपुर में पनकी के शाहपुर में महिला की जिंदा जलकर हुई मौत के मामले में फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की है। इसमें आशंका जताई है कि चारपाई के नीचे केरोसिन भरा चिराग गिरने और फिर लाग लगाए जाने से चलने फिरने में असहाय महिला की मौत हो गई।

टीम को घटनास्थल से एक चिराग व माचिस मिली है। चिराग से केरोसिन की दुर्गंध भी आ रही थी, जिसे साक्ष्य के रूप में जुटाया गया है। टीम का मानना है कि मजदूर के मूक-बधिर व मंदबुद्धि आठ वर्षीय बेटे ने खेल-खेल में दीपक गिराया और फिर आग लगाकर आंगन में खेलने चला गया।

शाहपुर निवासी बाल किशन मजदूर हैं। पत्नी लक्ष्मी (38) ने 25 साल पहले ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की थी। ट्रैक में फंसने से उसकी जान तो बच गई, लेकिन रीढ़ की हड्डी टूटने से वह बिस्तर पर आ गई थी। लक्ष्मी पति, बेटे दुर्गेश (8) के साथ मायके से मिले 365 वर्गगज के प्लॉट में पति के साथ रहती थी।

  • चारपाई पर लेटी लक्ष्मी की जलकर मौत

सोमवार सुबह बालकिशन मेनगेट में ताला डालकर मजदूरी करने चला गया। घर में लक्ष्मी व दुर्गेश थे। शाम को अचानक घर में आग लगने से चारपाई पर लेटी लक्ष्मी की जलकर मौत हो गई थी। पुलिस को उस वक्त आग लगने की वजह पता नहीं चल सकी थी। एसीपी पनकी तेज बहादुर सिंह ने फोरेंसिक टीम से घटनास्थल की जांच कराई।

  • आग की लपटें देख दुर्गेश बाहर आ गया होगा

फोरेंसिक एक्सपर्ट का मानना है कि आग की लपटें देख दुर्गेश बाहर आंगन में आ गया होगा, जिससे उसकी जान बच गई। एसीपी के अनुसार महिला की हादसे में जान जाने की आशंका है। जांच पूरी होने के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल हर बिंदु पर गहनता से जांच की जा रही है।

  • हालत पर रहम खाकर बाल किशन ने की थी ममेरी बहन से शादी

उन्नाव के बांगरमऊ के जिरिका पुरवा निवासी बाल किशन ने बताया कि वह पहले होटल और ढाबे में खाना बनाने का काम करता था। ममेरी बहन लक्ष्मी की हालात पर रहम खाकर वर्ष 2009 में उससे शादी की थी। लक्ष्मी पीठ के बल लेट नहीं पाती थी।

  • अंतिम संस्कार के बाद साढ़ू से हुई नोकझोंक

लक्ष्मी की मां सुनीता ने तेल के अवैध कारोबार से काफी संपत्ति बनाई थी। इसका हिसाब-किताब लक्ष्मी ही रखती थी। 365 वर्गगज के प्लॉट में लक्ष्मी परिवार के साथ रहती थी। लक्ष्मी के अंतिम संस्कार के बाद उसके पति और साढू के बीच प्लॉट पर कब्जे को लेकर नोकझोंक हो गई। रिश्तेदारों के हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया।

  • पत्नी का इलाज चल रहा था

बालकिशन ने बताया कि वह रिश्तेदार के खाली प्लॉट में बने एक कमरे में पत्नी और 12 वर्षीय बेटा दुर्गेश के साथ रहता था। कुछ माह पहले सड़क हादसे में पत्नी लक्ष्मी की कमर की हड्डी टूट गई थी। इसके चलते वह बिना किसी की मदद के चलने-फिरने में असमर्थ थी। उसका इलाज चल रहा था।
  • लोगों को लगा कि कूड़ा जल रहा होगा

सोमवार को वह मजदूरी करने चला गया। पत्नी और बेटा घर पर थे। देर शाम कमरे में अचानक आग लग गई। इसमें लक्ष्मी जिंदा जल गई। मोहल्ले वालों ने बताया कि बाल किशन के घर के बाहर अक्सर लोग कूड़ा जला देते थे। लोगों को लगा कि कूड़ा जल रहा होगा। इसके चलते किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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