
सारंगढ़।।नवीन जिला सारंगढ़ के गठन के बाद बहुत सारी बाते कही जा रही थी कि गुडेली में खनिज का दोहन जिस तेज गति से किया जा रहा है उसपर रोक लगने का वक्त आ चुका है सारंगढ़ में कलेक्टर और पुलिस के बड़े अफसरों के ऑफिस खुल चुके है ।खनिज माफिया अब घबराने लगे है ऐसी कई सारी चर्चाएं गुडेली से लेकर सारंगढ़ में होने लगी थी ।लेकिन जिला कार्यालय के खुले पूरे साल भर हो गए आज प्रयन्त तनिक नही लगा कि गुडेली में खनिज की लूटमारी को रोका गया हो बल्कि गुडेली तो अफसरों का चारागाह बन गया है.
कलेक्टर और एसपी के नाक के नीचे हो रही दिन दहाड़े ब्लास्टिंग
सारंगढ़ की तेज तर्रार महिला कलेक्टर फरिहा आलम सिद्दीकी और युवा पुलिस कप्तान आशुतोष सिंह की जिले में मौजूदगी के बावजूद खनिज माफियाओ को जरा भी भय नही है गुडेली में दिन दहाड़े बारूद लगाकर ब्लास्टिंग किया जा रहा है जिसका मतलब यह है कि खनिज माफियाओ को पूरी तरह अभदान दे दिया गया है बात करे खनिज विभाग के अधिकारी भारद्वाज की तो वे पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रहे है ।उनको जानकारी होते हुए भी कार्रवाई करने या जांच करने का जहमत उठाना मुनासिब नही समझ रहे है ।लिहाजा खनिज का दोहन बदस्तूर जारी है ।
लूट लिया सारा खनिज,अब लूटमारी की तैयारी जारी है…
सारंगढ़ के सबसे बड़े गौण खनिज ग्राम गुडेली में खनिज संपदा की भरमार है और इसको लूटने के लिए खनिज माफिया पूरी तरह से तैयार है,,,आपने एक फ़िल्म देखी होगी जिसमें दो हीरो चलती ट्रेन से कोयला चोरी करते करते एक समय बाद माफिया डॉन बन जाते है ठीक उसी तरह गुडेली की अपार खनिज संपदा को लूटते लूटते माफिया धन कुबेर बन गए है जबकि अभी भी लूटमारी की तैयारी जारी है ।बारिश के मौसम के बाद खदानों में पानी भर गया था जिसे शुखा कर फिर से धरती का सीना छलनी करने की मुहिम छेड़ी जा रही है अलबत्ता कुछ खदानों में तो ब्लास्टिंग की प्रक्रिया भी तेज हो गई है ।लिहाजा आप समझ सकते है कि गुडेली में काले पत्थर के माफियाओ का अपना एक अलग साम्राज्य है जिसको गिरा पाना कलेक्टर एसपी और किसी भी बड़े अधिकारी के बस की बात नही ।
गुडेली बना अफसरों का चारागाह..
हमारे विश्वसनीय सूत्र बताते है कि गुडेली खनिज विभाग,पर्यावरण विभाग सहित अन्य कुछ बड़े विभागों के अफसरों का चारागाह बन गया है सरकार महीने की पहली तारीख को तनख्वा दे कि नही दे पर गुडेली से पहली तारीख को लिफाफा मिल जाता है हमारे सूत्रों का दावा है कि गुडेली और टीमरलगा में संचालित क्रेशर और खदानों से हर महीने भारी भरकम राशि की वशूली कर पूरा कलेक्शन खनिज विभाग पहुचाया जाता है जिसे कई हिस्सों में बांट कर अफसर नींद की गोली खाकर सोने की तर्ज पर गुडेली में क्या चल रहा है इसका सुध लेना भूल जाते है जिसका ताजा तरीन उदाहरण आने वाले समय मे देखने को मिल जाएगा ।जब खनिज माफिया दिन दहाड़े अवैध खनन कर काले पत्थर की सप्लाई क्रेशरों में करते दिखेंगे ।