डमरुआ डेस्क/ प्रधानमंत्री ने एशियन गेम्स और पैरा एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी तारीफ की और साथ ही खिलाड़ियों को बधाई दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने गुजरात के अंबाजी मंदिर के रास्ते में बनीं प्रतिमाओं के बारे में दिलचस्प जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये प्रतिमाएं कबाड़ से बनी हैं। प्रधानमंत्री ने इसके बाद असम के कामरूप जिले में स्थित एक स्कूल का जिक्र किया, जहां के छात्र प्लास्टिक वेस्ट जमा करते हैं और उससे इको फ्रेंडली ईंटे और अन्य सामान बनता है। पीएम ने कहा कि इस पहल के जरिए बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
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आदिवासी योद्धाओं को किया याद
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारतवर्ष में आदिवासी योद्धाओं का समृद्ध इतिहास रहा है। देश अपने आदिवासी समाज का कृतज्ञ है, जिन्होंने राष्ट्र के स्वाभिमान और उत्थान को हमेशा सर्वोपरि रखा है। इनमें तिलका मांझी ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठायी। सिद्धो कान्हू ने समानता की आवाज उठाई। टंट्या भील पर हमें गर्व है और शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धा से याद करते हैं। वीर रामजी गोंड हों, वीर गुंडाधुर या भीमा नायक, उनके साहस से हम आज भी प्रेरित होते हैं। अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासियों में जो अलख जगाई, उसे देश आज भी याद करता है। उत्तर पूर्व में कियांग नोबांग और रानी गाइदिन्ल्यू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ही राजमोहिनी देवी और रानी कमलापति जैसी वीरांगनाएं भी हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा ’30 अक्टूबर को गोविन्द गुरु जी की पुण्यतिथि भी है। हमारे गुजरात और राजस्थान के आदिवासी और वंचित समुदायों के जीवन में गोविन्द गुरु जी का बहुत विशेष महत्व रहा है। गोविन्द गुरु जी को भी मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। नवंबर महीने में हम मानगढ़ नरसंहार की बरसी भी मनाते हैं। मैं उस नरसंहार में, शहीद मां भारती की, सभी संतानों को नमन करता हूं।’
’15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा।’ यह विशेष दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती से जुड़ा है। भगवान बिरसा मुंडा हम सब के ह्रदय में बसे हैं। सच्चा साहस क्या है और अपनी संकल्प शक्ति पर अडिग रहना किसे कहते हैं, ये हम उनके जीवन से सीख सकते हैं। भगवान बिरसा मुंडा ने कभी विदेशी शासन को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ऐसे समाज के बारे में सोचा, जहां कोई अन्याय ना हो। भगवान बिरसा मुंडा ने प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने पर भी जोर दिया। आज भी आदिवासी वर्ग के लोग प्रकृति की देखभाल और उसके संरक्षण के लिए समर्पित हैं। हम सब के लिए आदिवासी भाई-बहनों का काम बहुत प्रेरणादायी है।’
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सरदार पटेल की जयंती पर होगा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
दो दिन बाद 31 अक्तूबर, यह बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है। वह भी सरदार साहब की जन्मजयंती पर। यह संगठन का नाम है- मेरा युवा भारत। यानी MY भारत संगठन। यह संगठन भारत सरकार के विभिन्न आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। यह युवा शक्ति को एक करने का बड़ा प्रयास है। मैं युवाओं से आग्रह करुंगा कि आप सभी मेरे देश के नौजवान। mybharat.gov.in पर रजिस्टर करें और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हों।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार त्योहारों पर हम ऐसे ही उत्पाद खरीदें जिसमें देशवासी के पसीने की महक हो, देश के युवा का टैलेंट हो। इससे देशवासियों को रोजगार मिलेगा। भारत आज बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है और कई बड़े ब्रांड भारत में अपने उत्पाद तैयार कर रहे हैं। अगर हम उन उत्पादों को अपनाते हैं तो इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सामान खरीदते हुए यूपीआई डिजिटल पेमेंट सिस्टम से ही भुगतान करें।