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इजरायली सेना के जमीनी बल टैंकों के साथ गाजा पट्टी में घुसे और यहां की रेड,ड्रोन के जरिए दुश्मन पर नजर रखी गई

डमरुआ न्युज/तेल अवीव: गाजा पर इजरायल की ओर से लगातार हमला किया जा रहा है। युद्ध के बाद शुक्रवार को पहली बार इजरायली सेना के जमीनी बल टैंकों के साथ गाजा पट्टी में घुसे और यहां रेड की। ड्रोन के जरिए इस दौरान दुश्मन पर नजर रखी जा रही थी। युद्ध भले गाजा और इजरायल के बीच चल रहा है, लेकिन मिस्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हमास के हमलों को देखते हुए इजरायल ने गाजा के साथ अपनी दो सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया और इस हिस्से की पूर्ण घेराबंदी कर दी, जिसके बाद बिजली और पानी की आपूर्ति अवरुद्ध हो गई। अब गाजा के लोगों के लिए सिर्फ एक क्रॉसिंग है, जिसके जरिए वह दुनिया में जा सकते हैं। वह है राफा क्रॉसिंग जो मिस्र और गाजा के बीच है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि क्या यह क्रॉसिंग चालू है या नहीं।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्डन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्रॉसिंग का मिस्र वाला हिस्सा खुला है। लेकिन इजरायल के हमले के बाद फिलिस्तीन पक्ष काम नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि जॉर्डन और मिस्र इजरायल से सिक्योरिटी क्लियरेंस का इंतजार कर रहे हैं, ताकि सहायता वाले ट्रकों को बिना हवाई हमले के डर के गाजा में भेजा जा सके। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को क्रॉसिंग बंद होने की खबर का खंडन करते हुए कहा कि इजरायल की बमबारी के कारण फिलिस्तीनी हिस्से को नुकसान हुआ है।
  • मिस्र की बढ़ी चिंता

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि बाइडेन प्रशासन इजरायल और मिस्र के साथ बातचीत कर रहा है। ताकि एक गलियारा बनाया जा सके, जिससे नागरिक पहुंच सकें। हालांकि मिस्र लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों के उसके देश में घुसने की संभावना को लेकर चिंतित है। 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनी तटीय इलाके में रहते हैं, जहां इजरायल की ओर से तीव्र बमबारी जारी है। इजरायली सेना ने शुक्रवार को ग्राउंड रेड से पहले 10 लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़ने को कहा था।
  • क्या बोले मिस्र के राष्ट्रपति

गुरुवार को एक मिलिट्री ग्रेजुएशन में बोलते हुए राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने कहा कि यह अफवाहें सच नहीं कि मिस्र अपने फिलिस्तीनी पड़ोसियों की मदद नहीं कर रहा है। सिसी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस कठिन समय में गाजा के लोगों तक मानवीय मदद पहुंचे। हमे सहानभूति है।’ हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि मिस्र की मदद करने की सीमाएं हैं। उन्होंने कहा कि 90 लाख प्रवासी पहले से मिस्र में हैं। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक देश की प्रवासी आबादी में सबसे बड़ा समूह सूडान, सीरिया, यमन और लीबिया है।

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