सारंगढ़

गुडेली के खदान माफिया लालाधुर्व में खोदने को तैयार,फिर बनेगे धन कुबेर

डमरुआ न्यूज़ /रायगढ़।।सारंगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुडेली में अब बरसात खत्म होते ही नये नये खदान खुलते नजर आ रहे है दबंगाइयो को बिना खौफ के बिना विभाग के परमिशन के हौसले बुलंद होते दिख रहे है। गौड़ खनिज क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला गुडेली में सालों से दबंगाइयो द्वारा अवैध खदानों का धंधा किया जाता रहा है गुडेली पंचायत के द्वारा भी ऐसे लोगो को एनओसी दिया गया जो गुडेली में अवैध कार्य कर सके। जैसे जैसे दिन गुजर रहा है जैसे वैसे शासन प्रशासन के उपर सवाल उठ रहे है की शिकायत करने पर भी कार्यवाही क्यों नहीं हो रहा है, दिन ब दिन अब अधिकारीयों के उपर से विश्वास उठ रहा है ऐसी स्थिति में जनता किस अधिकारी पर भरोसा करें और कहां शिकायत करें ताकि अवैध संचालित माफियाओं पर कार्यवाही कर अंकुश लगाया जा सके।

ग्राम पंचायत गुडेली, टिमरलगा, लालाघुर्वा के खनिज माफियाओं के दादागिरी इस समय चरम पर है। वही जिला मुख्यालय मात्र 15 किलोमीटर पर स्थित है फिर भी इनके हौसले इतना बुलंद हो चुके है कि इनको अवैध खनन की अनुमति किस अधिकारी के सह पर या बड़े राजनीतिक नेताओ द्वारा संरक्षण किया जा रहा है। शिकायत करने के बावजूद जिला में बैठे अधिकारीयों का चुप बैठना मतलब दाल में कुछ काला होने का आशंका को प्रदर्शित करता है। सारंगढ़ रायगढ़ नेशनल हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत गुडेली और यहाँ से जिला के हर अधिकारी का आना-जाना लगा रहता है लेकिन कोई अधिकारी एक बार भी कार्यवाही करने का नाम भी नहीं ले रहा है, इस वजह से गुडेली के खनिज माफिया स्वतंत्रत हो कर रात दिन अवैध के ऊपर अवैध क्रेशर खदान संचालित कर रहे है।

कानून नियमो का धज्जिया उड़ा रहे हैं गुडेली के खनिज माफिया

एक तरफ शासन प्रशासन के नियम को ताक में रख कर अवैध खदान संचालित करने वाले खनिज माफिया अपने दबंगई अंदाज में अवैध कारोबार चला रहे हैं तो जिला प्रशासन द्वारा अवैध परिवहन एवं अवैध उत्खनन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही का निर्देश दिया जा रहा है लेकिन कलेक्टर के निर्देशों का पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है। कई बार सारंगढ़ पुलिस टीम को गुडेली के क्रेशर खदानों मे चक्कर लगाते हुए देखा गया है, जो संदेह के घेरे में आता है, परन्तु किसी खदान माफिया के ऊपर कार्यवाही होते नहीं दिख रहा है। जिस तरह से गुडेली में अवैध काम संचालित है उसको देखते हुए ऐसा लगता है कि इनको रोकना असंभव लग रहा है। अतः अब देखना यह है कि कलेक्टर से शिकायत करने के बाद खनिज माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही होटी है या नहीं ॥

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