राजनीति

एक्सीडेंटल-3 / सरिया वासियों को अपने जिले से धक्के मार कर भगा दिया सारंगढ़, अब नहीं लगेगी किसी अंधे के हाथ बटेर

कांग्रेस की झोली से निकल गया सरिया, दशहरा के पहले ही यहां लग चुकी है लंका

डमरूआ न्यूज/रायगढ़। जो व्यक्ति रूलिंग पार्टी का विधायक रहा हो और जो जिले के विभाजन में अपने इस क्षेत्र को ही न बचा सका हो , ऐसे व्यक्ति को दोबारा न तो विधायक की कुर्सी और न ही सत्ता की चाबी सौंपी जाएगी। यह कहना है सरिया अंचल के लोगों का, जिन्हें उनकी इच्छा के विपरीत केवल अपने चहेते विधायक के निकम्मेपन के कारण रायगढ़ जिले से धक्का मार कर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में धकेल दिया गया।
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगी , लेकिन वर्तमान स्थितियों को देख इतना जरूर कहा जा सकता है कि रायगढ़ विधानसभा भाजपा के नाम अभी से हो चुका है। अब इस संभावित उपलब्धि में भाजपा का कितना प्रयास रहा है यह बात भी मायने नहीं रखती, बल्कि मायने यह बात रखती है कि कांग्रेस प्रत्याषी प्रकाष नायक से लोगों की किन-किन बातों को लेकर और कितनी नाराजगी है, जिन्हें अब किसी भी हाल में प्रकाष नायक के लिए दुरूस्त कर पाना संभव नहीं है।

कांग्रेस की सरकार रहने तक नुवाखाई मनाना छोड़ दिए हैं लोग

ऐसा बताया जा रहा है कि सरिया अंचल जो चुनाव और वोट की दृष्टि से रायगढ़ विधानसभा का काफी समृद्ध क्षेत्र है वहां के लोग कांग्रेस की सरकार रहने तक नुवाखाई मनाना ही छोड़ दिए हैें। इसका कारण भी बेहद गंभीर और विधायक व सरकार के लिए चिंतनीय होनी चाहिए थी , लेकिन……। सरिया क्षेत्र को लोग कभी भी नहीं जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में नहीं जाना चाहते थे। इस मुद्दे पर यहां पक्ष और विपक्ष सभी की एक ही राय थी कि उन्हें रायगढ़ जिले में ही रहना है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने प्रशासन से लेकर शासन तक ज्ञापन दिया अपने विधायक के सामने हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाए और 40 फोर व्हीलर लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने नुवाखाई के दिन ही रायपुर भी पहंुचे। वहां विधायक और मुख्यमंत्री दोनों ने यही आष्वासन दिया कि इच्छा के विपरीत कोई काम नहीं होगा , लेकिन सरिया क्षेत्र के लोगों ने उस आश्वासन को गलत समझ लिया दरअसल मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा के विपरीत कुछ भी नहीं होगा, लेकिन सरिया के लोगों ने समझा कि हमारी इच्छा के विपरीत कुछ भी नहंी होगा। अंततः सरिया वालों को रायगढ़ जिले से ठीस उसी तरह धक्के मार कर निकाल दिया जैसे देष के बंटवारे के समय बिना इच्छा लोगों को अपना देश बदलना पड़ा था। नुवाखाई के दिन कांग्रेस के विधायक प्रकाश नायक और उनकी सरकार के मुख्यमंत्री ने इतना बड़ा धोखा दिया. अब इस बात की पीड़ा तो पुश्तों तक रहेगी क्या फिर भी ऐसे विधायक को यहां के लोग देाबारा मौके देना चाहेंगे, तो शायद बिल्कुल भी नहीं ।

पंचधार में विधायक को रावण बता प्रतीकात्मक पुतलादहन

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दशहरा के कुछ दिन पहले ही सरिया क्षेत्र के ग्राम पंचधार में क्षेत्रवासियों ने अपने ही लोकप्रिय एवं लाडले विधायक माननीय शक्राजीत प्रकाश नायक का पुतला दहन किया था। वैसे विधायक का लुक किसी साउथ इंडियन मूवी के नायक से कम नहीं है, लेकिन इन्हें यदि धोखे से ही सही विधायक बनने का मौका मिला था तो क्षेत्र विकास का कार्य करते हुए लोगों के दिलों में पैठ बना लेनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्यजनक ढंग से ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सका। हालांकि इस बात पक्षतावा उन्हें और उनके शुभचिंतकों को आज भी नहीं है और चुनाव के नतीजे के पूर्व तक भी शायद नहीं रहेगा।

20 प्रतिशत कमीशन भी बिगाड़ेगा चुनाव का जादू

पूरे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बात की खुलकर चर्चा है कि विधायक निधि में बिना 20 प्रतिशत का कमीशन दिए उन्हें रकम इन पांच सालों में नहीं मिली है। अब यह बात कितनी सही है अथवा झूठ इस बात को तो स्वयं या तो प्रकाश नायक जानेंगे या फिर ग्राम पंचायतों के सरपंच -सचिव बता पाएंगे, लेकिन जो जन चर्चा है यदि वो सही है तो यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि इस बार रायगढ़ विधानसभा 2023-24 में किसी प्रकार का राजनैतिक एक्सीडेंट नहीं होने वाला है और न ही अंधे के हाथ कोई बटेर लगने वाली है।

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