
डमरुआ न्यूज़ /रायगढ़– मैंने 24 साल की कलेक्टरी को दांव पर लगा दिया तो आप मुझ पर तो दाव लगा ही सकते हैं। यह कहना है पूर्व आई.ए.एस. ओपी चौधरी का, जो विधानसभा चुनाव के लिए रायगढ़ से भाजपा के प्रत्याशि बनाए जाने के बाद रायगढ़ जिला न्यायालय पहुंचे और यहां उन्होंने सीनियर अधिवक्ताओं के पैर छूकर व साथी अधिवक्ताओं को गले लगाकर उनसे आशिर्वाद प्राप्त किया। ओपी चौधरी न केवल रायगढ़ बल्कि छत्तीसगढ़ में युवाओं के आईकॉन के रूप में जाने जाते हैं। जैसे ही उनके जिला न्यायालय पहुंचने की खबर लगी तो युवा अधिवक्ताओं सहित न्यायालय में अपने मुकदमों में शामिल आए लोगों के बीच उनके साथ फोटो और शेल्फी लेने की होड़ लग गई। जिला अधिवक्ता संघ के सभागार में उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से व्यक्तिगत मुलाकात की और अधिवक्ताओं के समक्ष उन्होंनं अपने विद्यार्थी जीवन के सफर से आई.ए.एस. और फिर अब राजनैतिक सफर को शुरू करने का कारण बताया एवं अपना नजरिया रखा।
-
कांग्रेस की सरकार ने खूब ठगा
छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने अधिवक्ताओं को खूब ठगा। यहां तक कि रायगढ़ के तत्कालीन विधायक प्रकाश नायक ने भी अब तक अधिवक्ताओं की भावनाओं से काफी खिलवाड़ किया है। आपको बता दें कि साल भर पहले अधिवक्ता सुरक्षा कानून अर्थात् एडवोकेट प्रोटेक्षन एक्ट के लिए न केवल रायगढ़ के अधिवक्ताओं ने बल्कि पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं ने गर्मी के दिनों में महीनों आन्दोलन किया था, लेकिन पिछली सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। यहां तक कि न धरना स्थल में न तो कांग्रेस का कोई वरिष्ठ पदाधिकारी पहुंचा और न ही विधायक ने अधिवक्ताओं की कोई सुध ली थी। अधिवक्ताओं को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने एक्ट को विधानसभा सत्र में लागू करने का मौखिक भरोसा भी दिया और आन्दोलन खत्म करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन रायगढ़ से संचालित इस प्रदेश व्यापी आन्दोलन को अधिवक्ताओं ने समाप्त नहीं किया और कहा कि सरकार जब तक कोई ठोस आष्वान नहीं देती है या एक्ट को लागू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तब तक यह आन्दोलन चलता रहेगा। नतीजतन आन्दोलन लगभग तीन महीने तक चलता रहा, लेकिन अंत में पूर्व विधायक प्रकाश नायक आन्दोलन स्थल पहुंचे और आन्दोलनरत अधिवक्ताओं को यह आष्वासन दिया कि आगीम विधानसभा सत्र में वे स्वयं मुख्यमंत्री से मिलकर अधिवक्ता सुरक्षा कानून को लागू करने की दिशा में प्रयास करेंगे, ऐसा कहकर उन्होंने जूस पिलाते हुए अधिवक्ताओं का आन्दोलन समाप्त करा दिया। उस वक्त अधिवक्ताओं को इस बात का जरा सा भी अंदेशा नहीं था कि विधायक जी झूठ बोल रहे हैं। आखिरकार अधिवक्ता अपने ही विधायक से ठगे गए और प्रोटेक्षन एक्ट लागू करना तो दूर की बात बल्कि इस विषय पर सरकार रहते उन्होंने धोखे से और सपने में भी कभी कोई चर्चा ही नहीं किया।
-
ओपी के वचन उन्हीं की जुबानी
सभी वरिष्ठ अधिवक्ता साथी एवं सभी बहुत अनुभवी व प्रखर हैं आप सभी को मैं प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं। आदरणीय अधिवक्ता सतेन्द्र सिंह सर ने और आप सभी ने कहा है कि अधिवक्ता प्रोटेक्षन एक्ट बिल को भारतीय जनता पार्टी की ओर से मेनोफैस्टो का हिस्सा बनाया जाए। यह मांग पिछले दिनों भी मेरे संज्ञान में आया है, जो मेनेफैस्टो कमेटी है उसके समक्ष भी मैंने इसे रखा है, और मैं स्वयं इसके लिए विषेष प्रयास करूंगा, मुझे पूरा भरोसा है कि मैनेफैस्टो का हिस्सा बन जाएगा। आप सभी लोगों से मैं यह कहना चाहता हूं कि आप लोग समाज के महत्वपूर्ण वर्ग हैं जो समाज की दिशा को भी निर्धारित करते हैं, आप जैसे लोग जैसा वर्जन या बात रखते हैं उसका लोग अनुसरण करने लगते हैं। मैं आप लोगों से अपने व्यक्तित्व के बारे में इतना ही स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरा जीवन काफी संघर्षों से बढ़ा है और मैं इसे इसलिए बोलता हूूं कि जो संघर्षों से बढ़ा है वह बेहतर कर सकता है, ये उसका एक ट्रैक रिकार्ड है जो उसको प्रमाणित करता है। जब मैं साढ़े सात साल का था तब मेरे पिता का निधन हो गया था और मेरी मां केवल 4थी क्लास तक पढ़ी थी। उस गांव के सरकारी स्कूल में मैं 12वीं तक पढ़ा हूं। जिस स्कूल में मैं 12वीं पढ़ता था वहां न तो हिन्दी के न फिजिक्स और न ही कमेस्ट्री और मैथ के लेक्चरर थे वहां केवल इंग्लिश के लेक्चरर थे और किसी भी विषय के लेक्चर नहीं थे, साल भर में गणित की केवल 4 क्लास ही लगी थी। ऐसे जगह से मैं निकला। जब मैं 11 साल की अवस्था में मां के पेंशन के लिए शिकायत करने आया तो रायगढ़ कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को बुला कर डांटा था तो पेंशन बन गया, तब मैंने यह तय कर लिया था कि मुझे लकेक्टर बनना चाहिए और इसी प्रांगण से कलेक्टर बनने का सपना देखते हुए मैं आगे बढ़ता गया और भारत में वन ऑफ द यंगेस्ट आईएएस व छत्तीसगढ़ का पहला आईएएस अपने मेहनत के दम पर बन कर आया। 13 साल तक मेरा प्रशासनिक जीवन रहा है। निष्चित रूप से चूंकि रायगढ़ का मैं निवासी था, इसलिए मुझे यहां सेवा का अवसर नहीं मिला लेकिन पड़ोसी जिला जांजगीर में सीईओ जिला पंचायत व कलेक्टर , दंतेवाड़ा में स्वयं की च्वाईश से रिक्वेस्ट करके कलेक्टर बनकर गया। सरगुजा में जिला पंचायत सीईओ था। बेमेतरा में एसडीएम रहा, राजधानी रायपुर के नगर निगम में 2 साल कमिष्नर और 3 साल कलेक्टर रहा । इन 13 सालों में जो कुछ मेरी सोच रही और कार्यकाल रहा है उसे ट्रैक कर सकते हैं और मुझे समझ सकते हैं। आप कभी रायपुर जाईएगा तो एनआईटी के बगल में रायपुर में देखिएगा। उसे मैंने 10 महीने में खड़ा किया , 19 करोड़ की लाइब्रेरी है। दावे के साथ यह कह सकता हूं कि पूरे भारत में राष्ट्रीय स्तर पर इस स्तर की कोई लाईब्रेरी नहीं है। 6 एकड़ में ओपन रीडिंग जोन है जो कभी किसी भी स्थिति में किसी भी छुट्टी के दिन बंद नहीं होती और 24 घंटे खुली रहती है। वह ऐसा ईको जोन है जहां 50 प्रकार के पेड़ भी लगे हैं। आप कभी दंतेवाड़ा जाएंगे तो वहां पर सैकड़ों प्रोजेक्ट देख सकते हैं। एक प्रोजेक्ट को प्रधान मंत्री ने वर्ल्ड के 100 प्रोजेक्ट में शामिल किया जिसे सभी एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा के नाम से जानते हैं। वहां पर डेढ़ सौ एकड़ में सात हजार बच्चों के लिए हमने प्रोजेक्ट खड़ा किया। मैं मानता हूं कि देष, समाज और व्यक्ति के जिंदगी को अगर बदलना है तो सबसे बड़ा माध्यम शिक्षा ही है। खुद मेरे जीवन में जो भी बदलाव आया वो शिक्षा के माध्यम से ही आया है। इसलिए मेरा प्रशासनिक जीवन या आगे राजनैतिक जीवन शिक्षा के लिए ही मैं स्वयं को विषेष रूप से समर्पित करना चाहता हूं। ताकि आने वाली पीढ़ी को हम वह सब दे सकें जिसके कारण रायगढ़ क्षेत्र के युवाओं का डंका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बज सके। रायगढ़ के संदर्भ में बात करें तो रायगढ़ बहुत सारे अधिकारों से लगातार वंचित रहा है जिसका वह अधिकारी रहा है। रायगढ़ में प्रदूशण स्तर, ग्रीनरी की बात करें या इन्फ्रास्ट्रक्चर की तो काफी समस्याएं हैं। ट्रैफिक की काफी समस्या है, रिंग रोड आज तक बन नहीं पाया है।
-
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ की तारीफ
ओपी चौधरी ने कहा कि छिंदवाड़ा में एक छोटे से शहर में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 6 सौ करोड़ का एक ऐसा रिंग रोड बनवाया है कि आगे 50 सालों तक वहां ट्रैफिक की कोई समस्या नहीं होगी।
-
पांच साल में ये कैसी दुर्दशा
5 साल में कैसे हालात निर्मित हुए हैं। रायगढ़ जिले में एक मात्र केआईटी था वह भी लगभग समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। जशपुर में जांजगीर, सक्ती, महासमुंद सारंगढ़ में कोई इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है। इस तरह के हालात पिछले पांच साल में निर्मित हुए हैं
-
रायगढ़ के विकास को देखने राष्ट्रीय स्तर के लोग आएंगे
ओपी ने कहा कि मैं यह आस्वस्थ कराना चाहता हूं कि यदि मैं कुछ बड़े स्तर में राजनीति में जब भी पहुंच पाता हूं जैसे भी पहुंच पाता हूं तो मैं इतना जरूर कहता हूं कि रायगढ़ के डेवलपमेंट को देखने के लिए राष्ट्रीय स्तर से लोगों को आना होगा।
-
मुझे 60 साल तक पैसा कमाने का लायसेंस मिला था जिसे छोड़ दिया
आप जानते हैं कि राजनीति में काम करने का मौका परिस्थितिजन्य होती है लेकिन हर परिस्थिति के लिए मैं कुछ वायदा जरूर करना चाहूंगा कि राजनीति में आया हूं तो मैं पैसे, भ्रष्टाचार के लिए गाड़ी, बंगला विलासिता के लोभ के लिए नहीं आया हूं। मुझे इन सबका सौख होता तो मुझे 60 साल का लायसेंस पैसा कमाने के लिए मिला हुआ था। 24 साल की कलेक्ट्री को छोड़ कर आया हूं। आप मुझ पर इतना भरोसा कर सकते हैं कि मेरा लक्ष्य राजनीति में पैसा कमाना नहीं है। दिल्ली में एक लेक्चर का मुझे 4 लाख रूपए मिलता है। स्टाक मार्केट में इतनी पकड़ है कि जितनी आईएएस की सैलरी है उतना इन्कम टैक्स प्रति माह मैं मोदी जी को देता हूं, स्टाक मार्केट के माध्यम से । मेरे लिए व्यक्तिगत जीवन में कोई कमी नहीं है। मैं इतना बोलना चाहता हूं कि मैं अपने शेश जीवन को जनता जनार्दन के लिए लोगों के लिए समाज के लिए समर्पित करने आया हूं। आने वाले समय में भाजपा और जनता जब भी मुझे कोई बड़ा रोल देता है तो उसका लाभ निष्चित रूप से रायगढ़ और यहां के साथियों को मिलेगा और हम सब मिलकर के रायगढ़ को इतनी बड़ी उंचाई तक पहुंचाएंगे जिसकी हम सब लोग एक कल्पना ही करते हैं। 24 साल की कलेक्टरी को दांव पर लगा कर राजनीति में आया हूं तो आप मुझ पर दांव तो लगा ही सकते हैं।