टॉप न्यूज़दिल्लीसुप्रीम कोर्टहाईकोर्ट

दुष्कर्म पीड़िता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया, पीड़िता ने खुद को शादीशुदा और खुशहाल बताया

डमरुआ डेस्क/  उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म के एक मामले में दोषी की सजा कम कर दी है। अपराध के समय पीड़िता की आयु महज 11 साल थी। बलात्कार के इस मामले में पीड़िता ने अदालत से कहा कि वह खुशहाल और शादीशुदा है। पीड़िता ने कहा कि उसे इस मामले को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। गवाही के मद्देनजर दोषी की सजा कम करने का फैसला जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और अरविंद कुमार की पीठ ने सुनाया। बता दें कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया था।

सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने सुनाई सजा

गौरतलब है कि इस मामले में मध्य प्रदेश के खंडवा की ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था। फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में एक अपील दायर की। हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी करने के फैसले को पलट दिया और शख्स को दुष्कर्म का दोषी ठहराया। उच्च न्यायालय ने आरोपी को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

कारावास की अवधि पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

दोषी करार दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शख्स ने शीर्ष अदालत का रुख किया। इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यूनतम सजा सात साल कारावास है, लेकिन विवेकाधिकार अदालत के पास है। अदालत इस मामले में सात वर्ष से कम अवधि के कारावास की भी सजी दे सकती है।
दोषसिद्धि बरकरार रहेगी, लेकिन कारावास पूरा हुआ
पीठ ने कहा, “अभियोजन पक्ष भी वकील के माध्यम से इस मामले में पेश हुआ है।” पीड़िता ने कहा है कि वह खुशहाल और शादीशुदा है। उसे इस मामले को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अपीलकर्ता पहले ही पांच साल से अधिक की सजा काट चुका है।” मुकदमे के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषसिद्धि बरकरार रहेगी, लेकिन अदालत मानती है कि पहले काटी जा चुकी कारावास की सजा न्याय के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
×

Powered by WhatsApp Chat

×