रायगढ़

दो साल पहले रेलवे स्टेशन में लगने थे हाईटेक कैमरे, आधे में छोड़ दिया काम

डमरुआ डेस्क/रायगढ़। गौरतलब है कि ट्रेन व रेलवे स्टेशन में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विगत दो साल पहले रेलवे स्टेशनों में हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। इसमें रायगढ़ स्टेशन भी शामिल था। इसमें प्लेटफार्म से लेकर स्टेशन के बाहर तक करीब 28 नए हाईटेक कैमरा लगाया जाना था।

इसके लिए यहां सारा सामान भी आ गया था और संबंधित ठेकेदार द्वारा काम भी शुरू किया गया। इस दौरान प्लेटफार्म नंबर एक व दो में कैमरे लगाने के लिए वायरिंग भी की गई, जो कुछ दिनों तक चलने के बाद बंद हो गया। दो साल बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। ऐसे में अब सारा सामान एक कोने में रखा धूल खा रहा है। रेलवे स्टेशन की सुरक्षा वही पुराने 9 कैमरों से हो रही है, जो बीच-बीच में बंद भी जाती है।

इससे नजर बचाते हुए रात हो या दिन कभी भी यात्रियों का मोबाइल व अन्य सामानोें की चोरी कर घटना को अंजाम देते हैं। साथ ही कई बार मादक पदार्थ की भी तस्करी होती है जो रायगढ़ में पकड़ में नहीं आता और चांपा-बिलासपुर जैसे स्टेशनों में जाकर पकड़ा जाते हैं। ऐसे में अगर यहां 28 हाईटेक सीसी टीवी कैमरे चालू हो जाता तो स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों की गतिविधियों व चोरी की घटना को अंजाम देने वालों पर पूरी नजर रहती, जिससे काफी हद तक चोरी व मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लग जाती, लेकिन इसके नहीं होने से लगातार तस्करी हो रही है और पता भी नहीं चलता

  • अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन की व्यवस्था को लेकर उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण भी किया जाता है और अव्यवस्था को दूर करने के निर्देश भी दिए जाते हैं, लेकिन उनके जाते ही मामला ठंडे बस्ते में चले जाता है। यही वजह है कि करीब दो साल बाद भी स्टेशन में कैमरे नहीं लग पाए। ऐसे में अब कब तक कैमरे लगेगें इस संबंध में कोई कुछ कहने को भी तैयार नहीं है।

गौरतलब है कि इन दिनों आचार संहिता लगने के बाद सड़क मार्ग में सभी जगह बेरियर बनाकर वाहनों की जांच हो रही है। ऐसे में यह आशंका है कि तस्कर ट्रेन से ही तस्करी कर रहे हैं, जो जांच के अभाव में आराम से सामानों की अदान-प्रदान कर रहे हैं। कई बार बिलासपुर तक जाते-जाते आरोपी पकड़ में आ जाते हैं। ऐसे में अगर यहां सभी कैमरे लग जाते और ट्रेनों की जांच गहनता से होती तो काफ हद तक तस्करी पर भी रोक लग जाती।

दो साल रेलवे स्टेशन को हाईटेक सीसीटीवी कैमरे से लैस करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए वायरिंग का भी काम शुरू कर दिया गया था। कुछ दिनों तक काम चलने के बाद ठेकेदार ने आधे में काम को छोड़ कर चला गया। अब पुराने कैमरे से बचते हुए चोर व गांजा तस्कर आराम से निकल जा रहे और रेलवे पुलिस को भनक तक नहीं लग पा रही है।

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