
। आदर्श पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट और आदर्श कंप्यूटर एकेडमी ने मिलकर विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना की। संस्था के संचालक रमेश कुमार सोनी ने बताया गया कि हर वर्ष 17 सितंबर को शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती मनाई जाती है। सूर्य संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य व्यापार में वृद्धि होती है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का सृजनकर्ता और प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है।
इस अवसर पर संस्था की सह संचालिका संजू सोनी ने बताया की ब्रह्मा जी ने जब पृथ्वी की रचना की थी। तब उसे सजाने और सवारने का काम ब्रह्मा जी ने ही किया था। उन्होंने बताया कि यह शुभ दिन भगवान विश्वकर्मा जी को समर्पित है जिन्हें ब्रह्मांड के दिव्य निर्माता के रूप में पूजा जाता है। संस्था के संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती बनाई जाती है। विश्वकर्मा जी पहले शिल्पकार थे जिस कारण से इन्हें वास्तु कला का देवता भी कहा जाता है।
इस अवसर पर संस्था में रमेश कुमार सोनी, संजू सोनी, संजय कुमार मिश्रा, सोहन यादव, सरोज,महिपाल, दीप्ति,अर्जुन, आशिया, आदर्श उपस्थित रहे।