
*खबरों का तांडव/बिलासपुर।* बिलासपुर विधानसभा सीट से एक तरफ भाजपा और कांग्रेस के चिर परिचित प्रत्याशियों ने फिर से अपनी किस्मत आजमाते हुए अपना नामांकन दाखिल किया है, वही इनके अलावा कई अन्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय राजनीतिक दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों के द्वारा बड़ी संख्या में नामांकन दाखिल कराए जाने से प्रमुख राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ते नजर आ रही है। आपको बता दे कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जिला ऑटो संघ अध्यक्ष अजय पानीकर उर्फ नान की बिलासपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के फैसले ने इस चुनावी मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है। नामांकन पर्चा जमा करने के अंतिम दिन आज सोमवार को अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी को उन्होंने अपना नामांकन सौंपा ।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2023 के चुनावी संग्राम में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए जहाँ सपा, आम आदमी पार्टी, जनता कांग्रेस के उम्मीदवार मुसीबतें खड़ा करते नज़र आ रहे है, तो वही जिला ऑटो संघ अध्यक्ष अजय पानीकर उर्फ नान भी विधानसभा चुनाव के दंगल में शामिल होकर दलित वोट सहित ऑटो चालकों एवं उनके परिवार के वोट को प्रभावित कर सकते है!
राजनीति कैरियर के शुरुआती दौर में ही भारी मतों से जीत हासिल करने में रहे कामयाब
दयालबंद निवासी अजय पानीकर उर्फ नान ने राजनीतिक कैरियर के शुरुआती दौर में ही बड़ी कामयाबी हासिल की है। ऑटो संघ अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रथम उम्मीदवारी में ही भारी मतों से जीत हासिल कर चुके, ऑटो चालकों एवम दलित समाज के समर्थन से शहर के उभरते युवा नेता के रूप में पहचाने जाने वाले जिला ऑटो संघ अध्यक्ष अजय पानीकर मिलनसार ब्यक्तित्व के धनी है। ऑटो चालकों के अनुसार उन्हें एवं उनके परिवार पर किसी प्रकार की समस्या होने पर जिला ऑटो संघ अध्यक्ष तत्काल ही उपस्थिति दर्ज कराते है। जिला ऑटो संघ अध्यक्ष के कार्यभार से भी भलीभांति परिचित है। कई बार सवारी ऑटो में सवारी के द्वारा गलती से छोड़े गए लाखों रुपए कीमती सामानों को अजय पानीकर की अगुवाई में सवारी को वापस कराया गया है। इस कार्य से भी अच्छे ईमानदार अध्यक्ष के रूप में जाने जाते है। ऑटो चालकों के समस्याओं को प्रथम प्राथमिकता देते है। इससे ऑटो चालकों के मत अजय पानीकर उर्फ नान के खाते में जाना तय माना जा रहा है।
दलितों के वोट चुनाव को कर सकते है प्रभावित
अजय पानीकर उर्फ नान दलित समाज से है। शहर के दलित समाज के लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ है। इससे अन्य उम्मीदवारों के लिए दलित मत का खासा प्रभाव पड़ सकता है । दयालबंद में भी सोनकर समाज के वोट भी अन्य दलों के नेताओं को न जाकर अजय पानीकर के खाते में जाना तय माना जा रहा है। शहर के अन्य वार्डो में जहाँ-जहाँ ऑटो चालक रहते है, उनके साथ-साथ उनके करीबियों, समर्थको का भी वोट हासिल करने में कामयाब होने की तीव्र संभावना नजर आ रही है।
शहर की जनता के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं।
चुनावी चर्चा में अजय ने मीडिया से कहा; ऑटो संघ अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद मैंने जिले के ऑटो चालकों के लिए क्या किया आप किसी भी ऑटो चालक से जान सकते है। जिला ऑटो संघ अध्यक्ष पद के कार्यभार का मैंने निर्वहन के साथ-साथ उसे ही अपना कर्म धर्म माना है। इसी तरह शहर की जनता के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं। आज भी बिलासपुर की गरीब जनता आवास,सड़क सहित सरकारी योजनाओं से वंचित है। इससे बुरी स्थिति शहर की क्या हो सकती है। विधायक बनने के बाद जनता को भूलकर खुद का और अपने करीबियों का कहा-कहा कितना विकास किया गया है उससे भी बिलासपुर की जनता परिचित है।
मैं गरीब परिवार से ताल्लुक रखता हूं। इसलिए गरीब जनता की समस्याओं को मुझसे ज्यादा अमीर नेता नही समझ सकते है। आज बिलासपुर की गरीब जनता के घर को शहर के विकास के लिए तोड़ा गया और उन्हें उसी सरकारी जमीन पर आवास बनाकर देने की बजाए उन्हें शहर से दूर बसाकर गरीबों के साथ छल किया गया है। शहर में स्मार्ट सिटी के पैसों का किस तरह से कहा-कहा दुरुपयोग किया गया है शहर की जनता जान चुकी है मिलीजुली सरकार चलाकर शहर का विकास करना छोड़ खुद के विकास करने वाले अमीर नेताओं को शहर की जनता इस चुनाव करारा जवाब देने वाली है। मैं जनता से अपील करता हूं, मुझे एक मौका गरीब जनता और शहर के विकास के लिए अवश्य दे।
उमड़ी भीड़ ने उड़ाई सभी बड़े राजनीतिक दलों की नींद
कांग्रेस, भाजपा, जनता कांग्रेस के प्रत्याशियों के अलावा पहले ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी नजर आए जिन्होंने भारी संख्या मे आए आटो चालकों एवं समर्थकों के साथ अपना नामांकन दाखिल किया है। इस दौरान उनके साथ उमड़ी सैकडों युवाओं की भीड़ ऐसी दिखी जैसे अक्सर बड़े नेताओं, विधायक या मंत्री के साथ चल रहे काफिले में देखने को मिलता है या जब वे अपना नामांकन दाखिल करने आ रहे हो तब, लेकिन एक जिला ऑटो संघ अध्यक्ष के साथ उमड़ी भीड़ ने सभी बड़ी राजनीतिक दलों की नींद उड़ दी है।
इस दौरान प्रमुख रूप से फिरोज खान, सलीम भाई, साहबान भाई, गोविंद, अजय,राजा खान,राजा श्रीवास, अविनाश, मौसिम अली, फरीद अली, सरताज़ अली, अमजद अली, मोहम्मद राजा, शेख अब्दुल, अब्दुल करीम, फ़ेयद जुनैद, गोविंदा, राजेश गुप्ता, रोनित , अफजल, संजय दुबे, दीपक शाव, कमल बजाज, संजय टंडन, अश्वनी यादव, गोलू जायसवाल, पिंटू, अमन, अरमान हुसैन, अज़ीज़ अली, मोहम्मद नाफ़िज़ खान, आरबी, मुस्ताक भाई, शंकर सोनी, दिनेश सोनी, बज्जू टंडन, विपिन सिह,आशीष एंथोनी, लल्लू, अमित वर्मा, अप्पू यादव, रोशन लाल, करण गोरख, प्रियांशु सोनकर, बच्चा नरेश, राहुल बाबू , आंनद पांडे, राजा श्रीवास, नेपाली भाई, असलम हुसैन, संजय टंडन, रवि मानिकपुरी, भरत सोनी, मंत्रु भाई, अशोक सहित अपने हजारों समर्थक शामिल रहे।