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चचेरे भाई-बहन ने एक साथ दी जान, उठ रहा है सवाल कि आखिर ऐसा क्या हुआ….

डमरुआ डेस्क/UP -एक ही पेड़, एक ही रस्सी और फंदे दो। रिश्ते में चचेरे भाई-बहन के फंदे पर झूलते शव का मंजर जिसने भी देखा वह दहल उठा। घटना आत्महत्या की है, लेकिन एक ही परिवार के दो लोगों की मौतों से महोबा जिले के बरातपहाड़ी गांव में मातम पसरा है। हर किसी की आंखें नम हैं। दोनों चचेरे भाई-बहन एक साथ खेले, पढ़े और फिर अंतिम सांस भी एक साथ ली।

दोनों चचेरे भाई-बहन हमउम्र थे। बचपन से ही दोनों साथ रहे। एक साथ उनका लालन-पालन हुआ। साथ खेले और पढ़ाई भी साथ में ही कर रहे थे। दोनों छिकहरा स्थित स्कूल में कक्षा 11 वीं में अध्ययनरत थे। एक साथ स्कूल भी जाते थे, लेकिन दोनों के जीवन का अंत भी एक साथ इस तरह होगा यह किसी ने सोचा नहीं था। घटना ने गांववासियों को झकझोर दिया।
  • चर्चा है कि घटना प्रेम प्रसंग से जुड़ी है

वहीं, परिजनों को गम का पहाड़ टूट पड़ा। मृतक व मृतका का घर अलग-अलग, लेकिन आस-पास ही हैं। ग्रामीणों में चर्चा है कि घटना प्रेम प्रसंग से जुड़ी है। भाई-बहन का यह रिश्ता कब प्रेम-प्रसंग में बदल गया। इसकी भनक परिजनों को नहीं लगी, लेकिन उनकी अभी उम्र ही क्या थी। उन्हें जीवन का लंबा दौर देखना था। आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों का जीवन से मोहभंग हो गया।
  • एक छोर के फंदे पर बहन, तो दूसरे छोर के फंदे पर भाई का शव

एक साथ जीने की राह देखने वाले दोनों ने एक साथ जीवन को समाप्त करने का इतना बड़ा फैसला कैसे ले लिया यह बात हर किसी की जुबां पर है। मृतक के माता-पिता पंजाब में ईंट-भट्टे में मजदूरी करते हैं जबकि मृतका के माता-पिता गांव में खेती किसानी करते हैं। रस्सी के एक छोर के फंदे पर बहन, तो दूसरे छोर के फंदे पर भाई का शव लटक रहा था। घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई।
  • एक साल से दोनों के बीच था प्रेम-प्रसंग

कोतवाली क्षेत्र के बरात पहाड़ी गांव में चचेरे भाई-बहन के शव पेड़ से एक ही रस्सी के फंदों पर लटकते मिले। दोनों के बीच एक साल से प्रेम-प्रसंग होने की ग्रामीणों में चर्चा है। हालांकि, परिजन मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पोस्टमार्टम में हैंगिंग की पुष्टि हुई है।
  • परिजन तलाश करते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला

करीब नौ बजे दोनों घर से निकल गए और गांव के बाहर लगे बबूल के पेड़ से एक ही रस्सी के दो फंदे बनाकर खुदकुशी कर ली। पूरी रात परिजन उनकी तलाश करते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। गुरुवार की सुबह करीब दस बजे चचेरे भाई-बहन के शव गांव के बाहर पेड़ से लटकते मिले।

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