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CG News: लाइम स्टोन की खदान में ही लगा दी धान फसल, कार्रवाई नहीं

डमरुआ न्युज/रायगढ़। बरमकेला के ग्राम सहजपाली में खसरा नंबर 307/1 at 0.0570, 308/2/K at 0.0330, 308/3 at 0.0980 and 37/1 at 0.0520. हेक्टेयर में खनिज विभाग ने अक्टॅबर 2011 में लाईमस्टोन के उत्खनन के लिए लीज जारी किया है जिसकी अवधि 2041 तक की है। पिछले करीब 12 सालों में उक्त खसरे में काफी बड़े पैमाने पर रॉयल्टी पर्ची भी जारी हुआ है इसका सीधा आशय है कि इतने लंबे समय तक यहां उत्खनन का कार्य किया गया है, लेकिन सितंबर 2013 में उक्त क्षेत्र की हुई गिरदावरी में राजस्व विभाग ने उक्त सभी खसरे नंबर में धान की फसल दर्ज कर दी है।

अब लोगों के समझ से यह परे है कि लाइम स्टोन के खदान में धान का फसल कैसे हो गया। विदित हो कि पूर्व में भी एक मामला सामने आया था जिसमें नवगठित सारंगढ़ जिले के ग्राम ग्राम पंचायत धौराभांठा के आश्रीत ग्राम लालाधुरवा में एसकेएस पॉवर जनरेशन ने 3 दिसंबर 2021 को फ्लाईएश डंप करने के लिए लो लाइन एरिया बताते हुए खसरा नंबर 138/2, 165/1, 174, 184, 186/1, में करीब डेढ़ एकड़ भूमि जो कि नितिन सिंघल पिता जेपी सिंघल के नाम पर है में फ्लाईएश फिलिंग के लिए अनुमति लेने आवेदन लगाया।

इसमें राजस्व, खनिज व पर्यावरण विभाग ने 15 मीटर गड्ढा बताकर फिलिंग के लिए अनुमति दे दिया जबकि मौके पर उत्खनन के लिए कोई लीज नहीं लिया गया है और उक्त भूमि क्रय करने के दौरान कृषि भूमि के रूप में दर्ज था। कुल मिलाकर देखा जाए तो अवैध खदान को समतल करने के लिए वैध अनुमति जारी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस तरह के और कई कारनामे इस क्षेत्र में किए जा रहे हैं जो कागजों में छिपा हुआ है। कुलमिलाकर देखा जाए तो अवैध उत्खनन करने वाले लोगों पर राजस्व व खनिज विभाग के अधिकारी मेहरबान है।

इसमें भी कर रहे आना-कानीअब लाइमस्टोन के खदान में धान की फसल को लेकर खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम तो लीज दे दिया अब उसमें धान फसल कैसे दर्ज हुई है वह संबंधित विभाग जाने, जबकि राजस्व विभाग का कहना है कि धान फसल दर्ज किया गया है उसमें खदान स्वीकृत है इसकी जानकारी हमे नहीं है।

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