
अब लोगों के समझ से यह परे है कि लाइम स्टोन के खदान में धान का फसल कैसे हो गया। विदित हो कि पूर्व में भी एक मामला सामने आया था जिसमें नवगठित सारंगढ़ जिले के ग्राम ग्राम पंचायत धौराभांठा के आश्रीत ग्राम लालाधुरवा में एसकेएस पॉवर जनरेशन ने 3 दिसंबर 2021 को फ्लाईएश डंप करने के लिए लो लाइन एरिया बताते हुए खसरा नंबर 138/2, 165/1, 174, 184, 186/1, में करीब डेढ़ एकड़ भूमि जो कि नितिन सिंघल पिता जेपी सिंघल के नाम पर है में फ्लाईएश फिलिंग के लिए अनुमति लेने आवेदन लगाया।
इसमें राजस्व, खनिज व पर्यावरण विभाग ने 15 मीटर गड्ढा बताकर फिलिंग के लिए अनुमति दे दिया जबकि मौके पर उत्खनन के लिए कोई लीज नहीं लिया गया है और उक्त भूमि क्रय करने के दौरान कृषि भूमि के रूप में दर्ज था। कुल मिलाकर देखा जाए तो अवैध खदान को समतल करने के लिए वैध अनुमति जारी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस तरह के और कई कारनामे इस क्षेत्र में किए जा रहे हैं जो कागजों में छिपा हुआ है। कुलमिलाकर देखा जाए तो अवैध उत्खनन करने वाले लोगों पर राजस्व व खनिज विभाग के अधिकारी मेहरबान है।