
डमरुआ डेस्क/रायगढ़। विदित हो कि घरघोड़ा में गारे-पेलमा सेक्टर – 3 कोल ब्लाक सीएसपीडीसीएल को आवंटित किया गया है। सरकारी कंपनी को आवंटित इस कोल ब्लाक के प्रभावित ग्राम बजरमुड़ा में परिसंपत्तियों के गणना को लेकर मनमानी की गई है। इसकी शिकायत लंबे समय से जिला व शासन स्तर पर हो रही है। इस मामले को लेकर हुई शिकायत पर राजस्व विभाग के अवर सचिव ने बीते 15 जून को कमेटी गठित की और जांच करने का आदेश दिया।
इसमें आईएएस रमेश शर्मा को अध्यक्ष, अपर कलेक्टर हिना अनिमेष नेताम को सचिव व संयुक्त कलेक्टर उमाशंकर अग्रवाल को सदस्य बनाया गया है। हालांकि अब तक उक्त टीम ने जांच शुरू नहीं की। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि मामले से जुड़ी पूरी फाइल जिला मुख्यालय में है। पिछले दिनों जांच टीम ने मामले से जुड़ा पूरा प्रकरण जांच के लिए सौंपे जाने जिला प्रशासन को पत्र लिखा था जिसके आधार पर जिला प्रशासन ने कुछ दिनों पूर्व ही बजरमुड़ा में हुए भू-अर्जन से संबंधित पूरे प्रकरण के दस्तावेज जांच टीम को सौंपा दिए हैं।
इस मामले में दुर्गेश शर्मा बोईरदादर निवासी की शिकायत पर राजस्व मंडल ने पूर्व में जांच का आदेश दिया था। इसमें तत्कालीन कलेक्टर ने अपर कलेक्टर राजीव पांडेय के अध्यक्षता में जांच टीम गठित की गई थी, लेकिन इस मामले में बिना शिकायतकर्ता के बयान व मौका सत्यापन के ही एक अपील प्रकरण का हवाला देते हुए जांच ही नहीं की गई और शिकायतकर्ता को अनुपस्थित बताकर रिपोर्ट सौंप दी।
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इस तरह हुई गड़बड़ी
बजरमुड़ा में उक्त कोल माइंस को लेकर 149 हेक्टेयर भूमि का भू-अर्जन किया गया है। इसमें से 129 हेक्टेयर भूमि को दो फसली भूमि बताकर मुआवजा पत्रक तैयार किया गया है। सिर्फ दो फसली बताने से ही करोड़ों रुपए की मुआवजा राशि बढ़ गई। जबकि उक्त क्षेत्र में नदी-नाले व सिंचाई के पर्याप्त संसाधन नहीं है। इसी तरह से परिसंपत्तियों की गणना में भी काफी गड़बड़ी की गई है। कच्चे मकान को पक्का व खाली भूमि में पेड़ दिखाकर मुआवजे की गणना की गई है।