सारंगढ़

बिक गया जमीर?अवैध खनन और नियम विरुद्ध संचालित हो रहा है रायगढ़ मिनरल

सारंगढ़ डमरुआ।।छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है जिम्मेदारो ने अपना जमीर बेच माफिया का सरण ले लिया है ।कही भू माफियाओं का राज है तो कही खनिज माफियाओं की तूती बोल रही है ।ऐसा कुछ मसला सारंगढ़ जिले का है जहां खनिज माफियाओं की जड़े दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है। बताते चले तो कटंगपाली गौण खनिज क्षेत्र का नजारा दुर्भाग्य जनक देखने को मिल रहा है ।जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना और बिकाऊ कार्यशैली के चलते खनिज का दोहन तीव्र गति से होने लगा है ।खनिज माफिया मन चाही जगहों पर खोदाई कर शासन को लाखो के राजस्व का चुना तो लगा ही रहे है साथ ही क्षेत्र की सड़के ओवरलोड खनिज वाहनों के चलने से टूट रही है ।

अवैध खनन पर कार्रवाई शून्य

कटंगपाली में अनवरत अवैध खनन जारी है क्षेत्र में खनन माफिया बेहद सक्रियता से अवैध खनन कर खनिज का दोहन बिना किसी रोक टोक के करा रहे है तथा उस खनिज की तस्करी भी दीगर राज्य किया जा रहा है ।बताना लाजमी होगा की विगत महीने भर से छेलपोरा में आदिवासी जमीन पर खोदाई दिन रात की जा रही है और यहां से निकासी की जा रही पत्थर कटंगपाली में संचालित अधिकांश क्रेशर प्लांटों में खपाया जा रहा है । छेलपोरा के अलावा कटंगपाली के बालाजी क्रेशर प्लांट के पीछे स्थानीय लोग अवैध खनन कर पत्थर की बिक्री क्रेशरों में कर रहे है ।बावजूद इसके खनिज विभाग के सुस्त अधिकारी कार्रवाई करने का जहमत नहीं उठा रहे है ।चर्चा है की अफसर माफियाओं से मिले हुए है और उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा नही पा रहे है ।

रायगढ़ मिनरल में अनियमितता को अंबार

वैसे तो कटंगपाली के अधिकांश क्रेशर प्लांट ऐसे है जो नियम विरुद्ध क्रेशर का संचालन कर रहे है लेकिन बात की जाए रायगढ़ मिनरल की तो राजनीतिक पुर पहुंच के बल पर खनिज विभाग और पर्यावरण विभाग के अफसरों के आंख में आंख डाल कर मानक नियमो की धज्जियां उड़ा रहा है ।सूत्रों की माने तो भंडारण क्षमता से अधिक रायगढ़ मिनरल में डोलोमाइट की भरमार है वही पर्यावरण संरक्षण एवम सुरक्षा संबंधित मानक नियमो को ताक में रख कर क्रेशर का संचालन भी किया जा रहा है ।

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