जांजगीर- चांपा: 15 सितंबर को जशपुर से प्रारम्भ हुईं भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा सक्ति विधान सभा क्षेत्र के जजैपुर चौक बाराद्वार होते चांपा को पार कर ज़िला मुख्यालय जांजगीर पहुंची।
परिवर्तन यात्रा का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस सरकार की कमियों को जनता को बताना और पार्टी के कार्यकर्ताओ को इसी बहाने चार्ज कर विधान सभा चुनाव के लिए तैयार करना था।
परंतु बाराद्वार से लेकर चांपा तक जवाबदरों द्वारा जिस तरह से अपने लोगो को रेवड़ी और अन्य पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ताओ की अनदेखी की गई इससे ऐसा लगता है कि इस यात्रा के संचालन कर्ता अब थक चुके हैं। और इस यात्रा का मूल उद्वेश्य ही भुल गए।
ऐसा हम नही कह रहे, भाजपा के कार्यकर्ता ही इस बात को दबे स्वर में कह रहे हैं।
बाराद्वार मे मंच व्यवस्था पर उठे सवाल ?
जहा बाराद्वार मे बनाए गए मंच में अतिथियों के स्वागत के लिए संचालक द्वारा कई ज़िला स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से लेकर निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को मंच पर नहीं बुलाया गया क्योंकी संचालक महोदय की उन लोगों से नहीं बनती। तो दुसरी तरफ मंच इस तरह से तैयार किया गया था की कार्यकर्ताओ को बारीश में ही खड़ा होना पड़ा। जिसके चलते कई कार्यकर्ता समय से पहले चलते बने।
भाजपा का चांपा में के साथ फिर सौतेला व्यवहार।
चांपा थाना चौक में अतिथियों के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंच सहित अन्य व्यवस्था किए थे। परंतु यात्रा के संचालन कर्ता द्वारा समय अभाव का हवाला देते हुए रथ से नीचे उतरने मना कर दिया गया। जिसके कारण कार्यकर्ता मायूस हो गए। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ कार्य कर्ता ने कहा कि, जब मंच पर आना ही नही था । तब शहर में आने की आवश्यकता ही क्या थी सीधे हाइवे से निकल जाते समय कम लगता। हर बार चांपा के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता हैं। और आज भी किया गया।
कार्यकर्ताओं की मन की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर भाजपा कैसे चुनाव जीतेगी ? यह सोचने वाली बात है।
रथ पर छत्तीसगढ भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और अनुभवी बृजमोहन अग्रवाल के रहते, इस तरह से कोई पार्टी हित के जगह , अलग एजेंडा चलाए यह समझ से परे हैं। खैर जो भी हो सामने वाला अपना गेम खेल गाया।