
डमरुआ डेस्क/नई दिल्ली- दिल्ली के शराब नीति केस (Delhi Liquor Policy) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. इसी केस में केजरीवाल से CBI ने अप्रैल में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी. शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह जेल में हैं. बीजेपी के लोग जोरशोर से दावे कर रहे हैं कि शराब नीति केस में सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अब बारी केजरीवाल की है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर पूछताछ के बाद ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेती है, तो आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का प्लान बी क्या होगा? दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने इसका जवाब देते हुए कहा, “फिलहाल, मुझे नहीं पता. मुझे नहीं लगता कि इसके बारे में कोई चर्चा हुई है. केजरीवाल हमारे नेता हैं और हम उनके अधीन काम करेंगे.”
उन्होंने कहा है कि मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया गया. फिर प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा… ये सिर्फ आम आदमी पार्टी को राजनीतिक रूप से दंडित करने की चाल है. भारद्वाज ने कहा, “ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि वे राजनीतिक रूप से AAP से छुटकारा पा सकें.”
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने 41 पेज के ऑर्डर में कहा- “घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं. इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है. इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज की जाती है.”
सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के कुछ देर बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति केस में पूछताछ के लिए ईडी का समन मिला. ईडी इस केस की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है. ईडी ने केजरीवाल को 2 नवंबर को दिल्ली हेडक्वॉर्टर में पेश होने को कहा है.