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अंतर्राज्यीय साइबर ठगी के आरोपियों को मिली जमानत

अधिवक्ता उपासना कुलदीप ने आरोपियों की ओर से की पैरवी

डमरुआ/रायगढ़ । रायगढ़ पुलिस द्वारा सायबर ठगी करने के आरोप में कथित अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर गिरोह के 3 सदस्यों को झारखंड़ के सारठ थानाक्षेत्र से हिरासत में लेकर दिनांक 12 /04/2023 को रायगढ़ लाया था, जिन्हें रायगढ़ न्यायालय की ओर से पहले  2 दिन की पुलिस रिमांड मैं दिया गया था, फिर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। इन तीनों आरोपियों की जमानत याचिका दिनांक 17/04/2023 को रायगढ़ के पंचम अपर सत्र न्यायालय ने मंजूर कर ली। इस मामले में आरोपी पक्ष की ओर से अधिवक्ता उपासना कुलदीप ने पैरवी की थी।

पुलिस की ओर से क्या कहानी बताई गई

पुलिस ने बताया कि एसएसपी सदानंद कुमार के निर्देशन पर एडिशनल एसपी संजय महादेवा एवं साइबर सेल के पर्यवेक्षण अधिकारी एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में आरोपियों के तरीका-ए-वारदातों पर फोक्स कर आरोपियों के नेटवर्क क्षेत्र को चिन्हिांकित कर एसएसपी रायगढ़ को अवगत कराते हुए उनके मार्गदर्शन पर आरोपियों की धरपकड़ के लिये कार्ययोजना बनाई गई ।

साइबर सेल रायगढ़ की टीम ने थाना कोतवाली एवं कोतरारोड में पंजीबद्ध किये गये ऑनलाइन फ्रॉड मामलों के आरोपियों का *झारखंड के जामताड़ा और देवघर जिले के सारठ थाना क्षेत्र में* लोकेट् किये, टेक्निकल एनालिसिस पर इन दोनों क्षेत्रों में आरोपियों के सक्रिय होकर साइबर नेटवर्क चलाना स्पष्ट हुआ । रायगढ़ पुलिस की टीम द्वारा जामताड़ा के झिलूवाटोला में पहली रेड कार्रवाई की गई, जहां से कोतवाली ऑनलाइन ठगी मामले के 4 आरोपी- राजेश मंडल, दुर्योधन मंडल, सुरेश मंडल और निसार अंसारी को पकड़ा गया ।

*जामताड़ा से नजदीकी सारठ क्षेत्र में सक्रिय साइबर ठगों का दूसरा गैंग* रायगढ़ पुलिस की दबिश की सूचना पर चौकन्ने होकर सारठ से फरार हो गये । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिये उपनिरीक्षक कमल किशोर पटेल के साथ साइबर सेल और कोतरारोड़ की टीम को निर्देशित किया गया जो आरोपियों के सारठ से पीछा करते हुए पटना (बिहार) पहुंची । इस बार भी पुलिस की घेराबंदी से पहले आरोपी पटना से अपना लोकेशन चेंज कर अपने गृहग्राम सारठ की ओर रवाना हुये । इस बार पुलिस टीम ने थाना कोतरारोड़ के ऑनलाइन ठगी मामले के वांछित आरोपियों की सारठ थाना क्षेत्र में घेराबंदी कर *3 आरोपी – वाहिद अंसारी उर्फ साबा, नाजिर अंसारी उर्फ बुटान और मोहम्मद अजीमुद्दीन उर्फ अजीम तीनों निवासी ग्राम नवादा थाना सारठ जिला देवघर (झारखंड)* को हिरासत में लिया गया । आरोपियों ने कोतरारोड़ में दर्ज ऑनलाइन ठगी में अपनी संलिप्तता स्वीकार किये हैं ।

आरोपियों के ठगी का तरीका

पुलिस ने बताया कि ये देश भर में फर्जी कस्टमर केयर और बैंक अधिकारी बनकर लोगों को कॉल कर ठगी करते हैं । ये लोगों को मोबाइल पर कॉल कर क्रेडिट कार्ड का केवाईसी करा लीजिए नहीं तो चार्ज कटेगा, क्रेडिट कार्ड को बंद करा लीजिए बेवजह पैसे कट रहे हैं कहकर बैंक अधिकारी बनकर बात करते और क्रेडिट कार्ड का नंबर प्राप्त कर अन्य जानकारी पूछा करते हैं । जैसे ही व्यक्ति इनके झांसे में आ जाता उनके मोबाइल पर एक एप्लीकेशन लिंक शेयर करते हैं जिसके बाद क्रेडिट कार्ड से कितने रुपए का लोन लिया जा सकता है उसकी जानकारी प्राप्त कर उस व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड से इतने रुपए का लोन लेने एप्लीकेशन में इनकेस के माध्यम से दूसरे व्यक्ति के बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर कर निकाल लेते थे । उन्होंने पिछले माह छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के थाना कोतरारोड़ क्षेत्र के मेहर लाल पटेल नाम के व्यक्ति से ऑनलाइन ठगी कर ₹3,54,000 धोखाधड़ी कर प्राप्त करना बताये हैं । अपने धोखाधड़ी के काम के लिए फर्जी सिम और दूसरे के नाम पर मोबाइल खरीद कर रखे हैं । उन्हीं मोबाइल सेट से नाम बदल-बदल कर कॉल करते हैं । आरोपियों के पास से कुल 6 नग विभिन्न कंपनियों के मोबाइल की जब्ती की गई है । ये अपने काम करने वाले स्थान के आसपास अपने लड़के (मुखबिर) लगाये रखते हैं, जो पुलिस के आने की सूचना देने पर अपना ठिकाना तत्काल बदल देते हैं । इनके गिरोह में अधिकांश युवक हैं, सबका अलग-अलग काम हैं ।

इन आरोपियों को किया गया था गिरफ्तार

(1) वाहिद अंसारी उर्फ साबा अहमद हुसैन उम्र 28 साल
(2) नाजिर अंसारी उर्फ बुटान पिता मंसूर मिया उम्र 28 साल
(3) मोहम्मद अजीमुद्दीन उर्फ अजीम पिता मोहिबुल्ला मिया तीनों निवासी ग्राम नवादा थाना सारठ जिला देवघर (झारखंड)

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