Damrua

क्या ब्राम्हण और क्षत्रिय विहीन शहर सरकार का निर्माण करना चाहती है कांग्रेस !

डमरूआ न्यूज़ /रायगढ़.

रायगढ़ नगर निगम चुनाव: कांग्रेस की सूची में ब्राह्मण-क्षत्रिय वर्ग को टिकट नहीं, भाजपा ने दिया प्रतिनिधित्व

रायगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार कुल 48 वार्डों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जहां भाजपा ने सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देते हुए प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं कांग्रेस की सूची में ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ग को पूरी तरह से नजरअंदाज किए जाने का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या कांग्रेसी ब्राह्मण और क्षत्रिय विहीन शहर सरकार का निर्माण करना चाहती है ?

राजनीतिक हलकों में मचा बवाल

कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट न मिलने से इन समुदायों में नाराजगी देखी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस ने अपने जातिगत समीकरणों को साधने के लिए यह निर्णय लिया है, लेकिन इससे परंपरागत मतदाता वर्ग में असंतोष बढ़ सकता है। दूसरी ओर, भाजपा ने अपनी सूची में ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के नेताओं को मौका देकर संतुलन बनाए रखा है।

सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

कई ब्राह्मण और क्षत्रिय संगठनों ने कांग्रेस के इस फैसले की आलोचना की है और इसे समाज के प्रति पक्षपातपूर्ण नीति करार दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस का यह रवैया इन वर्गों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश है, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

कांग्रेस की सफाई

विवाद बढ़ने पर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने सफाई दी कि टिकट वितरण जातिगत आधार पर नहीं, बल्कि जीत की संभावनाओं और संगठन की रणनीति को ध्यान में रखकर किया गया है। पार्टी का दावा है कि उसने सामाजिक संतुलन बनाए रखने की पूरी कोशिश की है और अन्य वर्गों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।

भाजपा का हमला

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की यह नीति एक विशेष वर्ग को राजनीति से बाहर करने का प्रयास है। भाजपा का दावा है कि वह सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और इस चुनाव में भी इसका उदाहरण पेश किया गया है।

चुनाव पर इस बात का क्या होगा असर

विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का असर कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक पर पड़ सकता है। ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाता यदि नाराज होते हैं, तो भाजपा को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस असंतोष को कैसे दूर करती है और क्या यह मुद्दा चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा या नहीं।

 कांग्रेस खेमे में भारी नाराजगी

रायगढ़ नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही जातीय संतुलन का मुद्दा गरमाने लगा है। जहां भाजपा ने सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया है, वहीं कांग्रेस की सूची में ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ग को शामिल न किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव परिणामों पर इसका क्या असर पड़ता है और मतदाता इस मुद्दे पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं।

Facebook
WhatsApp
Twitter
Telegram