रायपुर। शुक्रवार को रायपुर के कोर्ट में एक वकील के साथ एक आरोपी ने मारपीट की, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। इस घटना के बाद सभी वकील एकजुट होकर विरोध करने लगे। वे पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाने लगे और आरोपी को घेर लिया। जब वकीलों ने उस आरोपी पर हमला करने की कोशिश की, तब पुलिस बीच-बचाव करते हुए आरोपी को बचाने लगी। इस दौरान किसी पुलिस वाले की लाठी एक वकील से टकरा गई, जिससे वकीलों का गुस्सा और बढ़ गया।
अधिवक्ताओं ने सुरक्षा कानून की मांग की:
इस घटना के बाद सैकड़ों वकीलों ने अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू कराने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री निवास की ओर कदम बढ़ाया। मौके पर SSP लाल उमेद सिंह पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से वकीलों को समझाया, जिसके बाद वे वापस लौट गए। वकीलों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त किया। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम भी एक ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में शामिल मांगे:
वकीलों ने एडीएम को जो ज्ञापन सौंपा, उसमें कुछ मुख्य मांगें थीं:
– अपराधों की रिकॉर्डिंग के लिए एसपी या उससे उच्च अधिकारी और मजिस्ट्रेट स्तर के न्यायिक अधिकारियों से कार्रवाई हो।
– वकील की मौत पर उनके परिवार को 10,00,000 रुपये का बीमा और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए 5,00,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाए।
– जूनियर वकीलों को 5,000 रुपये मासिक मानदेय मिले।
– वकील दिर्गेश शर्मा पर हमला करने वाले के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाया जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए।
आंदोलन की चेतावनी:
वकीलों ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि वे रायपुर की इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। यह वकीलों की सुरक्षा और स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए एक गंभीर खतरा है। वे प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने का इरादा रखते हैं।
