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दूध में जहर डालकर ससुर की हत्या, बहू की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश!

दूध में जहर

Sarangarh Desk।।बिलाईगढ़ थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना प्रकाश में आई है, जिसमें बहू द्वारा अपने ससुर को दूध में जहर मिलाकर ससुर के हत्या की साजिश रची गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपित महिला को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

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घटना का विवरण:

ग्राम सोनाडुला की निवासी मीना साहू (40), जो गौरीशंकर साहू की पत्नी हैं, ने अपने ससुर प्रेमलाल साहू (70) के साथ पारिवारिक विवाद के चलते हत्या की योजना बनाई। जानकारी के अनुसार, मीना को इस बात पर ऐतराज था कि उसका पति गौरीशंकर, जो दिल्ली में नौकरी करता है, अपने पिता प्रेमलाल की वजह से गांव नहीं लौट रहा था। इस संदर्भ में, ससुर के अपनी वैवाहिक बेटी को घर में रखने को लेकर भी मीना के साथ मतभेद था।

गुस्से में आकर मीना ने 2 नवंबर 2024 को शाम करीब 4:15 बजे दूध में चूहा मारने की दवा मिलाकर अपने ससुर प्रेमलाल को देने का निर्णय लिया। दवा पीने के बाद उनकी स्थिति गंभीर हो गई, जिसके चलते उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गंभीर स्थिति में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान 12 नवंबर 2024 को प्रेमलाल साहू का निधन हो गया।

मरणासन्न बयान से खुला सच:

प्रेमलाल साहू ने अपने अंतिम क्षणों में बयान देते हुए और उनके परिवारजनों ने पुलिस को सूचना दी कि उनकी पत्नी मीना ने जानबूझकर दूध में जहर मिलाकर उन्हें पिलाने का कार्य किया। इसके बाद जांच पूरी करने के उपरांत, बिलाईगढ़ थाने में मीना साहू के विरुद्ध 20 दिसंबर 2024 को अपराध क्रमांक 343/24 के तहत धारा 103 (1) BNS के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

 

पुलिस की कार्रवाई:

पूछताछ के दौरान मीना ने अपने ससुर के खिलाफ जहर डालकर हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने अनुचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए 21 दिसंबर 2024 को उसे गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया।

 

पुलिस टीम का योगदान:

इस मामले की विवेचना में थाना प्रभारी प्रमोद यादव, एएसआई प्रकाश रजक, हेड कांस्टेबल भंवर काटले, निशांत दुबे, आरक्षक शंकर, कमल और महिला आरक्षक प्रीति खड़िया सहित अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा ने गंभीर घटनाओं पर शीघ्र प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता पर बल देते हुए इस मामले की त्वरित विवेचना के लिए निर्देश जारी किए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निमिषा पांडे और एसडीओपी विजय ठाकुर के नेतृत्व में कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

सार:यह घटना पारिवारिक तनाव और आपसी मतभेदों के गंभीर परिणामों को उजागर करती है। पुलिस की तत्परता के कारण आरोपित को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन यह मामला समाज में रिश्तों की रक्षा और आपसी विवादों के निपटारे के महत्व पर भी प्रकाश डालता है।

 

 

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