नईदिल्ली new delhi news। भारत सरकार इन दिनों ई-वाहनों को लेकर काफी सजग दिखाई दे रही है. भारत सरकार तीन श्रेणी में आने वाले ई-वाहनों पर वारंटी दे रही है. वारंटी किलोमीटर एवं अवधि के हिसाब से तय किया गया है. भारी उद्योग मंत्रालय की मानें तो यह फैसला ग्राहकों के प्रति कंपनियों का उत्तरदायित्व तय करने के लिए लिया गया है. इसी वजह से पीएम ई-ड्राइव योजना से जुड़ी अधिसूचना में प्रोत्साहन के साथ गारंटी को व्यापक बनाने पर जोर दिया गया है.
अधिसचूना के मुताबिक, कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी सहित अन्य पार्ट पर वारंटी देनी होगी. सरकार ने वारंटी के लिए न्यूनतम मानक तय किए हैं और यह मानक हर कंपनी को अपनाने होंगे.
बता दें, अभी सिर्फ दो पहिया, तीन पहिया और तीन पहिया (एल-5) वाहनों में ही वारंटी मिलेगी. जल्द ही सरकार ई-बस, ई-एंबुलेंस और ई-ट्रकों के लिए भी न्यूनतम वारंटी जारी की जाएगी. ई-एंबुलेंस और ई-ट्रकों के लिए नियम तय किए जा रहे हैं. मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, पीएम ई-ड्राइव योजना में वारंटी पर खास जोर दिया गया है. आगे वारंटी का दायरा बढ़ाया जाएगा. सरकार की इन सभी योजना का उद्देश्य ग्राहकों को सुविधा देना है. फेम-2 में सिर्फ वारंटी ही तय की घई थी पर अधिसूचना में वारंटी के तहत बैटरी का स्पष्ट उल्लेख किया गया है.
बता दें, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू की गई है. योजना 10,900 करोड़ रुपये की है. प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में मंगलवार को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने योजना की शुरुआत की थी. सरकार ने इसके लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप भी शुरू किया है. सरकार की योजना का उद्देश्य ई-वाहनों की खरीद और बिक्री को आसान बनाना है.