Damrua

मामा-भांजा की सट्टा सरकार: शहर में खुलेआम चल रहा जुआ उद्योग, पुलिस की निगरानी पर बड़ा सवाल !

जूटमिल थाना क्षेत्र में महीनों से लाखों का खेल, कार्रवाई कब
काशीराम चौक के आगे कथित जुआ अड्डा बेखौफ संचालित
शहर में लंबे समय से फल-फूल रहा जुआ-सट्टा कारोबार, पुलिस व्यवस्था कटघरे में

डमरूआ न्यूज़/रायगढ़। शहर में अवैध जुआ और सट्टे का कारोबार लगातार पुलिस व्यवस्था को चुनौती देता नजर आ रहा है। जुटमिल थाना क्षेत्र अंतर्गत काशीराम चौक के आगे न्यू जेसीबी ऑफिस के पीछे कथित रूप से संचालित जुआ फड़ को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार यहां पिछले कई महीनों से रोजाना 52 पत्तों पर बड़े दांव लगाए जा रहे हैं, जहां हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपए का लेन-देन हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ कथित रूप से खुलेआम और बिना किसी डर के चल रहा है।
सूत्रों का दावा है कि इस जुआ अड्डे पर खरसिया, धर्मजयगढ़, घरघोड़ा और रायगढ़ क्षेत्र के जुआरी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। शाम ढलते ही यहां जुए का खेल तेज हो जाता है और देर रात तक रकम का बड़ा हिसाब-किताब चलता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जुआ फड़ की जानकारी इलाके के आम नागरिकों, पान दुकानदारों और चौक-चौराहों पर मौजूद लोगों तक को है, लेकिन पुलिस तक यह बात क्यों नहीं पहुंच पा रही, यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
स्थानीय चर्चा के अनुसार जुआ फड़ के संचालक समय-समय पर बदलते रहे हैं, लेकिन अवैध गतिविधि लगातार जारी है। इससे यह संदेश जा रहा है कि जुआ कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाने की पुलिस व्यवस्था पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि महीनों से एक ही स्थान पर जुआ फड़ संचालित हो रही है तो यह पुलिस की गश्त, खुफिया तंत्र और निगरानी व्यवस्था पर सीधा प्रश्नचिह्न है।
जब इस मामले में एक पत्रकार द्वारा जुटमिल थाना प्रभारी प्रशांत राव से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कार्रवाई जल्द की जाएगी और कोई भी जुआरी नहीं बचेगा। हालांकि स्थानीय लोग यह सवाल कर रहे हैं कि यदि जुआ अड्डा लंबे समय से संचालित हो रहा है तो अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई। शहर में जुआ और सट्टे का कारोबार वर्षों से पनप रहा है, लेकिन पुलिस की ओर से प्रभावी और निरंतर कार्रवाई न होने के कारण यह लगातार मजबूत होता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस का यह आश्वासन जमीन पर उतरता है या फिर जुआ फड़ यूं ही पुलिस व्यवस्था को ठेंगा दिखाती रहती है।

आम लोगों को जानकारी, पुलिस को क्यों नहीं

स्थानीय पान दुकानों और चौक-चौराहों पर जुआ फड़ की चर्चा आम है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी अनभिज्ञता जताते नजर आते हैं, जिससे पुलिस की निगरानी और सूचना तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं।

बाहर से आ रहे जुआरी, रोजाना लाखों का लेन-देन

सूत्रों के मुताबिक आसपास के इलाकों से जुआरी रोजाना यहां पहुंचते हैं। प्रतिदिन हजारों से लेकर लाखों रुपए तक के दांव लगने की चर्चा है, जिससे अवैध कारोबार का दायरा लगातार बढ़ रहा है।

कार्रवाई के दावे, नतीजे शून्य

थाना स्तर से कार्रवाई के आश्वासन दिए जाते रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अब तक कोई ठोस परिणाम नजर नहीं आया। इससे पुलिस की गंभीरता और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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