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रायगढ़ के उद्योगपति हरबिलास अग्रवाल और बेटों ने की 4.5 करोड़ की धोखा-धड़ी, FIR…

धनतेरस पर करोड़ों का फर्जी गिफ्ट डीड घोटाला

रायगढ़ के उद्योगपति हरबिलास अग्रवाल और बेटों पर 4.5 करोड़ के शेयर हड़पने का आरोप

डमरूआ न्यूज़ /रायगढ़.. पूंजीपथरा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज आर्थिक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिले की प्रतिष्ठित कंपनी श्री बांके बिहारी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हरबिलास अग्रवाल और उनके पुत्र प्रणव एवं आयुष अग्रवाल पर अपने ही रिश्तेदार के करोड़ों के शेयर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का गंभीर आरोप लगा है।

पुलिस ने मामला धारा 420 एवं 34 भा.दं.सं. (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत दर्ज कर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।

रिश्ता बनाम फर्जीवाड़ा

शिकायतकर्ता अजय अग्रवाल ने बताया कि हरबिलास अग्रवाल उनके पारिवारिक रिश्तेदार हैं। मार्च 2005 में उन्होंने कंपनी के 2,09,960 शेयर अपने नाम पंजीकृत कराए थे, जिनकी वर्तमान कीमत लगभग ₹4.5 करोड़ है।शिकायत के अनुसार, हरबिलास अग्रवाल ने बैक डेट वाली गिफ्ट डीड तैयार करवाई, जिसमें यह दिखाया गया कि अजय ने अपने शेयर “गिफ्ट” कर दिए। गिफ्ट डीड 16 मई 2024 को 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर नोटरी के समक्ष बनाई गई, जबकि अजय अग्रवाल उस समय न तो मौजूद थे और न ही उन्होंने कोई हस्ताक्षर किए थे।

डायरेक्टर बेटों की मिलीभगत

पुलिस जांच में सामने आया कि हरबिलास के पुत्र प्रणव और आयुष ने कंपनी रिकॉर्ड में 28 शेयर सर्टिफिकेट नष्ट दिखाकर 1 नया शेयर सर्टिफिकेट जारी किया और सारे शेयर हरबिलास के नाम ट्रांसफर कर दिए। इस पूरे शेयर ट्रांसफर में फर्जी हस्ताक्षर और कूटरचित दस्तावेज शामिल थे।

नोटरी का दुरुपयोग

नोटरी को गिफ्ट डीड बनाने का अधिकार नहीं है।गिफ्ट डीड केवल पंजीयक (रजिस्टार) द्वारा वैध रूप से निष्पादित की जा सकती है।आरोपी ने 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर इसे वैध दिखाने का प्रयास किया। यह नोटरी रायगढ़ के इतवारी बाजार में एक नोटरी से करवाई गई थी.

पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई

प्रारंभिक जांच में फर्जी हस्ताक्षर, जाली दस्तावेज और रिकॉर्ड हेराफेरी के सबूत मिले हैं।पूंजीपथरा थाना पुलिस ने अपराध क्रमांक दर्ज कर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।मामले के खुलासे के बाद यह घटना कॉर्पोरेट फ्रॉड और आपराधिक विश्वासभंग का गंभीर उदाहरण बन सकती है।

केस की विशेष जानकारी:

पीड़ित के पास कंपनी में 47.25% हिस्सेदारी है।

हरबिलास अग्रवाल के पास 17.5% हिस्सेदारी।

पारिवारिक कंपनियों और अन्य लोगों के पास शेष 35.25%।

आरोपियों ने डायरेक्टर पद का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से शेयर अपने नाम किए.

शिकायतकर्ता अजय अग्रवाल ने बताया कि हरबिलास अग्रवाल उनके पारिवारिक रिश्तेदार हैं। मार्च 2005 में उन्होंने कंपनी के 2,09,960 शेयर अपने नाम पंजीकृत कराए थे, जिनकी वर्तमान कीमत लगभग ₹4.5 करोड़ है।
शिकायत के अनुसार, हरबिलास अग्रवाल ने बैक डेट वाली गिफ्ट डीड तैयार करवाई, जिसमें यह दिखाया गया कि अजय ने अपने शेयर “गिफ्ट” कर दिए। गिफ्ट डीड 16 मई 2024 को 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर नोटरी के समक्ष बनाई गई, जबकि अजय अग्रवाल उस समय न तो मौजूद थे और न ही उन्होंने कोई हस्ताक्षर किए थे।

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