सरिया डमरुआ। कृषि क्षेत्र में हाहाकार मचाने वाला एक बड़ा भंडाफोड़ सामने आया है। सरिया नगर पंचायत क्षेत्र में फर्जी डीएपी खाद की सप्लाई और ब्लैक मार्केटिंग का ऐसा जाल बिछा था, जिसमें हर दिन 30 से 50 बोरी तक दो नंबर का माल खुलेआम बेचा जा रहा था। सूत्रों की मानें तो इस माल को नवरत्न DAP की बोरी में भरकर बेचा जा रहा था, जबकि इसकी असली कीमत 1800 रुपये के करीब है। हल्का और दो नंबर DAP किसानों को सप्लाई किया जा रहा था, जिससे न सिर्फ उनकी फसल को नुकसान हो रहा था, बल्कि उनकी जेब भी कट रही थी।
15 जुलाई की रात हुई विभागीय छापेमारी में एक गोदाम से करीब 250 बोरी संदिग्ध DAP बरामद हुआ है। इसके अलावा 50 बोरी एक पिकअप वाहन में लोड था, जिसे सप्लाई के लिए तैयार किया जा चुका था। गोदाम को तत्काल सील कर दिया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह व्यक्ति लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय था और रोजाना की ब्लैक इनकम 50,000 रुपये तक पहुंच रही थी।
“रेड” के बाद “सेटिंग” चालू!
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के तुरंत बाद ही “मैनेजमेंट” का दौर शुरू हो गया है। गोदाम मालिक और उसके कुछ करीबी अब उच्चाधिकारियों तक पहुंच बनाने की फिराक में हैं ताकि मामला दबाया जा सके। कुछ लोग पहले से ही “फोन लॉबी” में एक्टिव हो चुके हैं।
लेकिन सवाल ये है—क्या इस बार भी मामला दब जाएगा?
खाद में खोट! किसान भुगतेंगे खामियाजा
अगर दो नंबर DAP का यह काला कारोबार ऐसे ही चलता रहा, तो इसका खामियाजा सीधे किसानों को भुगतना पड़ेगा। नकली या हल्की गुणवत्ता वाली खाद से फसल की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही यह खाद मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
अब जरूरी है सख्त और व्यापक जांच
जांच एजेंसियों और कृषि विभाग के लिए अब यह समय है सिर्फ एक गोदाम या व्यक्ति तक सीमित ना रहकर, ऐसे हर व्यापारी, डीलर, सप्लायर और गोदाम संचालक की जांच करने का, जो DAP खाद या उससे मिलते-जुलते उत्पादों का कारोबार करते हैं।
यह केवल एक रेड नहीं, पूरे सिस्टम की पोल खोलने का मौका है।