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डिजिटल इंडिया की मिसाल: पुलिस का साइबर फ्रॉड रोकने का Whatsapp फॉर्मूला!

साइबर फ्रॉड

Shahdol।शहडोल जिले की पुलिस ने साइबर फ्रॉड और अफवाहों को रोकने के लिए एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने पांच सौ से अधिक वॉट्सएप ग्रुप बनाए हैं, जिनमें क्षेत्र के प्रमुख लोग, एएसपी और थाना प्रभारी शामिल हैं।

साइबर फ्रॉड ठगो पर whatsapp ग्रुप से निगरानी

पुलिस इन ग्रुपों के माध्यम से गांव-गांव तक लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने की जानकारी दे रही है। इसके लिए शॉर्ट फिल्में और अन्य रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही, लोगों को अपराधों से बचने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। इस प्रयास से पुलिस को अपराध रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल रही है। वास्तव में, अब यह जागरूकता धीरे-धीरे जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगी है।

 

आपराधिक घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। एक छोटी सी गलती से लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। कानून की जानकारी की कमी के चलते ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए शहडोल के पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने यह तरीका निकाला है। जिले में 15 थाने हैं, और हर थाने में 50 से 80 वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इनमें गांव के सरपंच, पार्षद, समाजसेवी और आम नागरिकों को शामिल किया गया है। अगर क्षेत्र में कोई घटना होती है, तो पुलिस को तुरंत सूचना मिल जाती है, जिससे वे त्वरित कार्रवाई कर सकते हैं। इस गाइडलाइन से पुलिस का आम लोगों से संबंध भी मजबूत हो रहा है।

 

इन ग्रुपों का एक और उद्देश्य भी है- साइबर दुर्घटनाओं के बारे में जागरूकता लाना। कैसे इनसे बचा जा सकता है, इस पर भी जानकारी साझा की जा रही है। खासकर नाबालिग बच्चों के मामले, जो अज्ञानता के कारण बढ़ रहे हैं, के बारे में कानूनी जानकारी दी जा रही है।

 

वॉट्सएप ग्रुप के जरिए पुलिस को दुर्घटनाओं में घायल या मृत अज्ञात व्यक्तियों की पहचान करने में भी मदद मिल रही है। साथ ही, साइबर और अन्य मामलों में शामिल संदिग्धों की फोटो और जानकारी साझा की जा रही है। इससे सूचना का आदान-प्रदान तेजी से हो रहा है और पुलिस तथा आम जनता के बीच का रिश्ता भी मजबूत हो रहा है।

 

पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने अपने स्थानीय कार्यालय के बाहर आगंतुकों से मिलने के लिए मोबाइल नंबर लिखने की पहल भी शुरू की। इस कदम ने न केवल उनकी पहचान बनाई, बल्कि जनता और पुलिस के बीच एक पुल का कार्य भी किया। गृह विभाग ने इस नवाचार को अन्य जिलों में लागू करने के लिए सुझाव दिए हैं।

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