Damrua

रेत तस्कर चला रहे थाना, प्रभारी हो गए मजबूर, कोई दबाव या भ्रष्टाचार की आदत, भगवान ही मालिक !

रेत तस्करी वाले ट्रैक्टर के टक्कर से हुई मृत्यु,90 दिन बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्यवाही

 पुलिस को जगाते और न्याय की बाट देखते-देखते बेटे के बाद अब पिता भी चल बसा

Damrua news /घरघोड़ा! घरघोड़ा क्षेत्र में रेत की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. रेत की तस्करी से संतरी से लेकर ….. तक लाल हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि  इस खुले आम हो रही तस्करी के अलावा तस्कर इतने बेखौफ हो गए हैं कि वह अब थाना भी चलाने लगे हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो यहां की पुलिस तस्करों की मुट्ठी में कैसे होती. हालत यह है कि पुलिस इन तस्करों के आगे नतमस्तक दिखाई देती है. शायद यहां की राजनीति भी रेत और कोयले की तस्करी से शुरू होकर थाने की चौखट में  खत्म भी हो जाती है.
इन दिनों अपने लचर कार्यशैली से परिचित घरघोड़ा पुलिस ने आज से तीन माह पूर्व कुरकुट नदी के ऊपर सड़क पर पैदल जा रहे बजरमुड़ा के कन्हैया पटेल के अवैध रेत से भरा ट्रैक्टर तीन नौजवानों को रौंदते हुए निकल गया। जिसमें दो युवक संजय और खुशांक जख्मी हो गए। जहां खुशांक राठिया का रायपुर में इलाज के दौरान मृत्यु भी हो गईं ।
घटना की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है~ ग्राम बहिरकेला के चित्रभान राठिया पिता तुलाराम राठिया अपने दोस्त संजय,और खुशांक के साथ सायं दिशा मैदान जाते समय कुरकुट नदी से रेत लोड कर बजरमुडा निवासी कन्हैया पटेल का ट्रेक्टर ड्राइवर ने तीव्र गति के साथ चलाते हुए सड़क के किनारे चल रहे खुशांक ओर संजय को रौंदते हुए निकल गया।जिसकी रिपोर्ट घरघोड़ा थाना में चित्रभान राठिया ने 4सितंबर 2024 को लिखाया, जिस पर घरघोड़ा पुलिस ने ट्रैक्टर के खिलाफ धारा 281,125,(A)BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच के लिए ए एस आई राजेश मिश्रा को सौंपा।
घरघोड़ा पुलिस अपनी कुंभकर्णी निद्रा में सोई रही, और रिपोर्ट के तीन माह उपरांत भी हादसा किए ट्रेक्टर को न तो जप्त किया और न ही ट्रेक्टर मालिक कन्हैया पटेल और चालक के ऊपर कोई कार्यवाही करना उचित समझा।
इसी बीच हादसे में जख्मी हुए खुशांक जिसका रायपुर में उपचार चल रहा था, उसकी घटना के एक सप्ताह बाद रायपुर में मृत्यु हो गई ।
मृतक के परिजन थाना घरघोड़ा का दर्जनों बार जाकर अपने युवा पुत्र की मृत्यु होने की सूचना भी देना चाहा,और कार्यवाही हो जाने से बिना का क्लेम करने का निवेदन भी किया।लेकिन देश भक्ति जन सेवा की मैली चादर ओढ़े पुलिस ने मृतक के पिता की एक भी नहीं सुनी ।पुत्र की मृत्यु से आहत और पुलिस के दुत्कार से आहत पिता मनक राम राठिया का भी हाल ही में निधन हो गया।
इस प्रकार घरघोड़ा पुलिस की लचर कार्यशैली ने पिता और पुत्र के मृत्यु होने के बाद भी तीन महीने में एक ट्रैक्टर को भी जप्त नहीं कर सकी,न ही चालक और मालिक से कोई पूछताछ करना मुनासिब समझा।थक हार कर मृतक के परिजन अब घरघोड़ा पुलिस के विरुद्ध न्यायालय की शरण लेने को मजबूर है.
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