Jashpur News:”आप जज नहीं हैं, आप झूठ बोल रहे हैं।” जैसे तानों का सामना कर, कुनकुरी जशपुर के हिमांशु पंडा ने दूसरी बार परीक्षा पास कर जज बनने का गौरव हासिल किया है।
पहली बार जब वे जज बनाए गए थे, तब पीएससी और उच्च न्यायालय के नियमों में कुछ विरोधाभासों के कारण उनकी नियुक्ति विवादित हो गई। यह मामला अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित है। इसके साथ ही, उनके विवाह की प्रक्रिया भी नियमों में उलझ गई थी।
हाल ही में, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी-2023) ने सिविल जज परीक्षा के परिणामों की घोषणा की। इस परीक्षा में हिमांशु पंडा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 18वीं रैंक प्राप्त की। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और पत्नी, शिवांगी सिंह, को दिया है।

रिश्तेदारों ने ताने देने शुरू कर दिए
हिमांशु पंडा ने बताया कि भिलाई की शिवांगी से उनकी शादी 2021 में जज की परीक्षा में सफलता के बाद तय हुई थी। सभी को यह बताया गया कि लड़का एक जज है। लेकिन सगाई के डेढ़ साल के बाद भी शादी नहीं हुई, जिससे नाते-रिश्तेदारों ने ताना कसना शुरू कर दिया।
वे कहने लगे, “अगर तुम जज बन चुके हो, तो सगाई के इतने समय बाद विवाह क्यों नहीं हो रहा? शायद तुम झूठ बोल रहे हो।” हिमांशु पंडा ने कहा कि अंतरजातीय विवाह के कारण लोग और भी मजे ले रहे थे। हालांकि, शिवांगी ने लोगों की बातों को नजरअंदाज करते हुए मेरी योग्यता पर विश्वास रखा। उन्होंने मेरे लिए तैयारी में मदद की, जिससे मुझे अपने करियर में आगे बढ़ने में बहुत सहायता मिली।
जज बनने की संभावना मात्र एक अफवाह प्रतीत हो थी
हिमांशु ने अपनी बीएएलएलबी की पढ़ाई पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से की। इसी दौरान, उन्होंने चाणक्य ला एकेडमी में भी दाखिला ले लिया। वर्ष 2020 में पीएससी द्वारा सिविल जज के 32 पदों के लिए भर्ती की गई। अपने पहले प्रयास में उन्होंने 12वीं रैंक प्राप्त की और जज पद के लिए चयनित हो गए। हालांकि, हाईकोर्ट में एक मुकदमे के चलते उनकी नियुक्ति में दो वर्षों की देरी हो गई, जिससे बहुत से लोगों को यह स्थिति जज बनने की महज एक अफवाह मानने लगे।
कोचिंग सेंटर में शिवांगी से पहली बार मुलाकात का अनुभव निम्नलिखित है।
हिमांशु पंडा से बातचीत के दौरान यह पता चला कि शिवांगी से उनकी पहली मुलाकात कोचिंग सेंटर में हुई थी। जज पद के लिए चयनित होने के बाद, उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को विवाह के लिए मनाने में सफलतापूर्वक जुटा लिया। हालांकि, विभिन्न जातियों से संबंध बनाने के कारण पहले परिवार ने इस संबंध के लिए मना किया था, किंतु अंततः वे इस रिश्ते के लिए राजी हो गए। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान आए विवाद के समय, शिवांगी ने सभी को यह आश्वासन दिया कि उन्हें एक न एक दिन सफलतापूर्वक नियुक्ति अवश्य मिलेगी।