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Cyber fraud:फर्जी अधिकारी और वीडियो कॉल: कैसे ठगों ने उड़ाए 49 लाख

Cyber ​​fraud भिलाई: खड़गपुर में कारोबार करने वाली प्राइवेट कंपनी रश्मि ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप एक सुनियोजित साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग कर आपत्तिजनक मैसेज और संदिग्ध लेनदेन की कहानी गढ़ी। इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के वारंट और सीबीआई जांच की धमकी देकर मानसिक दबाव में रखा गया।

 

कैसे रची गई ठगी की साजिश?

7 नवंबर को इंद्रप्रकाश कश्यप को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताया। कॉलर ने आरोप लगाया कि उनके आधार कार्ड से जारी सिम का इस्तेमाल आपत्तिजनक मैसेज भेजने में हुआ है। इसके बाद कॉल को मुंबई साइबर ब्रांच के कथित अधिकारी से जोड़ दिया गया।

 

डराने की साजिश:

ठगों ने यह दावा किया कि उनके आधार कार्ड से मलाड, मुंबई के एक बैंक खाते में करोड़ों रुपए का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। इतना ही नहीं, दिवालिया हो चुकी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से भी जुड़ाव बताया गया। सुप्रीम कोर्ट के वारंट और सीबीआई जांच का हवाला देकर कश्यप को गिरफ्तारी का डर दिखाया गया।

 

ठगों का नया तरीका: डिजिटल अरेस्ट

ठगों ने कश्यप को मानसिक रूप से घेरने के लिए वीडियो कॉल के जरिए उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी। उन्हें अपने बैंक खातों से पैसा एक “सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट” (SSA) में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। ठगों ने यह दावा किया कि यह रकम जांच पूरी होने के बाद वापस कर दी जाएगी।

 

49 लाख का नुकसान

डर और दबाव में आकर कश्यप ने कुल 49,01,190 रुपए ठगों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान ठगों ने उन्हें भिलाई आने का निर्देश दिया और यहां भी उनकी हर गतिविधि पर ऑनलाइन नजर रखी।

 

पुलिस की जांच जारी

पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह ठगी साइबर अपराधियों की नई तरकीब का हिस्सा है, जहां वे वीडियो कॉल और फर्जी दस्तावेजों के जरिए पीड़ित को पूरी तरह से फंसा लेते हैं।

 

महत्वपूर्ण सावधानियां:

1. किसी भी अनजान फोन कॉल पर निजी जानकारी साझा न करें।

2. सरकारी अधिकारी या कोर्ट के नाम पर डराने वाली कॉल की सच्चाई जांचें।

3. बैंक खातों और ऑनलाइन गतिविधियों पर सतर्क रहें।

 

बहरहाल यह घटना न केवल साइबर अपराधियों के बढ़ते हौसले को दर्शाती है, बल्कि आम लोगों को सतर्क रहने की भी जरूरत पर जोर देती है।

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