New Delhi:हाल ही में, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण दिल्ली के तापमान में गिरावट आई है, जिससे पूरे उत्तर भारत में धुंध की स्थिति बन रही है। साथ ही, हवा की गति में कमी और मौसम में बदलाव से प्रदूषण के स्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं और सभी संबंधित विभागों को ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत निर्देश दिए हैं।
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प्रदूषण के प्रमुख कारण
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट दी है कि प्रदूषण के बढ़ने के दो मुख्य कारण हैं – बर्फबारी और हवा की गति में कमी। इसके परिणामस्वरूप प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, जो 400 के पार चला गया है। मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का योगदान 30% है, जबकि अन्य आसपास के क्षेत्रों जैसे एनसीआर का योगदान ज्यादा है।
संकट का समाधान: संयुक्त प्रयास जरूरी
गोपाल राय ने जोर देकर कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है, लेकिन प्रदूषण को काबू में लाने के लिए केंद्र सरकार को एनसीआर और इसके सटे राज्यों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य योजना बनानी होगी और इसे सख्ती से लागू करना होगा।
बहरहाल दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार और वैज्ञानिक दोनों ही मिलकर इस पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हवा की गति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है।