New Delhi News । लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने हाल ही में एक संपादकीय में देश की अधिकांश ताकत को कुछ खास तबकों के हाथों में होने का जिक्र किया, जिसे उन्होंने “मैच फिक्सिंग” का नाम दिया। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है। भाजपा के प्रमुख नेताओं ने उनके विचारों पर कड़ा विरोध जताया है और उनके बयानों को “भारत की विरासत और इतिहास का अपमान” बताया है।
राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी(Rahul Gandhi)की आलोचना करते हुए कहा, “राहुल गांधी द्वारा भारत के पूर्व राजपरिवारों को बदनाम करने के प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं। एकीकृत भारत का सपना भारत के पूर्व राजपरिवारों के बलिदान के कारण ही संभव हो पाया है।” उन्होंने इसे “ऐतिहासिक तथ्यों की आधी-अधूरी व्याख्या पर आधारित निराधार आरोप” कहा और इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।
इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी(Rahul Gandhi)पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, “नफरत बेचने वालों को भारतीय गौरव और इतिहास पर व्याख्यान देने का कोई अधिकार नहीं है। राहुल गांधी की भारतीय विरासत के बारे में अज्ञानता और उनकी औपनिवेशिक मानसिकता सभी हदें पार कर चुकी है।” सिंधिया ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का जिक्र करते हुए कहा, “अगर आप देश के उत्थान का दावा करते हैं, तो भारत माता का अपमान करना बंद करें और हमारे असली योद्धाओं की कहानियों का सम्मान करें।”
वहीं, कर्नाटक से सांसद यदुवीर वाडियार ने भी राहुल गांधी(Rahul Gandhi)की आलोचना करते हुए कहा कि उनके विचार “भारतीय विरासत के संरक्षण और एकीकृत भारत के निर्माण में पूर्व राजपरिवारों के योगदान के प्रति अज्ञानता को दर्शाते हैं।” वाडियार ने उनके लेख में उठाए गए मुद्दों की कड़ी निंदा की और कहा कि “ऐसे बयानों से केवल कांग्रेस का एजेंडा ही उजागर होता है।”
राहुल गांधी(Rahul Gandhi)के इस संपादकीय ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है, जिसमें एक तरफ भारतीय इतिहास और राजपरिवारों के योगदान का सम्मान करने की बात हो रही है, तो दूसरी तरफ विशेषाधिकार और सत्ता के केंद्रीकरण को लेकर सवाल उठर हे हैं।