Damrua

जादूगर भार्गव का हर कहा मानते हैं मुर्दे, मौत के सालों बाद भी करा देते हैं उनके नाम पर ज़मीन की रजिस्ट्री, तमनार में मुर्दों की फ़ौज भी देती है गवाही!

images जिंदल के मैनेजर किसी जादूगर से कम नहीं हैं , इनके पास ऐसी जादुई कला है कि वह मुर्दों से भी मौत के सालों बाद उनकी जमीनों की रजिस्ट्री करा लेते हैं, पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आए हैं और अब एक नया मामला मुर्दा के जिंदा होने का आया है जिसमें  मुर्दा तेजराम के नाम पर नकली आदमी खड़ा करके जिन्दल कंपनी के मैनेजर दिनेश भार्गव पर जमीन खरीदने का आरोप है, जिंदल के मैनेजर भार्गव की इस नई जादूगरी का पता चलते ही घरघोड़ा न्यायालय ने प्रतिवेदन मंगाया है. images 1

रायगढ़.
जिन्दल कंपनी छत्तीसगढ़ में अपना पांव पसारने के बाद ग्रामीणों की जमीन हथियाने का जो हथकण्डा अपना रही है एवं बिना किसी भय के तरह-तरह का अपराध करते हुए ग्रामीणों की जमीनों में कब्जा कर रही है उसका एक उदाहरण और देखने को मिला है।
कुछ अरसा पहले जिन्दल कंपनी ने दौलत सिंह नामक मृत व्यक्ति के स्थान पर नकली आदमी खड़ा करके तमनार गांव में दौलत सिंह की जमीन की रजिस्ट्री करा लिया था, जिस पर अदालत के आदेश पर कंपनी के मैनेजर राकेश जिन्दल के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 420, 464, 467, 468, 471 का अपराध न्यायालय के आदेश पर चक्रधरनगर थाना में दर्ज हुआ था, जिसका प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है, इसी दौरान एक नया मामला और सामने आ गया, जिसमें मार्च 2001 में मर चुके तेजराम निषाद वल्द चक्रधर के नाम पर ग्राम तमनार में स्थित भूमि खसरा नंबर 13/1, रकबा 0.299 हे0 एवं खसरा नंबर 143/2 रकबा 0.316 हेक्टयेर की रजिस्ट्री जिंदल कंपनी के मैनेजर दिनेश भार्गव ने दिनांक 28/11/2003 को यानी तेजराम के मरने के लगभग सवा दो साल बाद किसी को नकली तेजराम बनाकर जिंदल कंपनी के नाम पर करा लिया एवं उसी फर्जी आदमी को तहसीलदार के न्यायालय में तेजराम बना कर पेश करते हुए पूरी जमीन पर जिंदल कंपनी का नाम दर्ज कराकर कब्जा कर लिया ।
इस फर्जी रजिस्ट्री में तेजराम बनकर खड़ा होने वाले फर्जी आदमी का नाम भोकलो नगेशिया है एवं रजिस्ट्री में उसी का फोटो भी लगा है लेकिन भोकलो नगेशिया की मृत्यु हो गई है इस तरह उक्त अपराध में शामिल अपराधियों में अगर कोई जिन्दा है, तो वह है मास्टर माइंड दिनेश भार्गव ।
उपरोक्त अपराध की रिपेार्ट पुलिस में होने पर पुलिस के हाथ पांव फूल गए क्योंकि जिंदल कंपनी के मैनेजर दिनेश भार्गव पर हाथ डालना रायगढ़ जिला की पुलिस के वश की बात ही नहीं थी एवं जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो रिपोर्ट होने के 2 वर्ष पुलिस ने मृतक भोकलो नगेशिया के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 419, 420 के तहत अपराध दर्ज कर लिया ताकि प्रकरण में इस आधार पर खात्मा भेज दिया जाए कि अपराधी की मृत्यु हो गई है।
रायगढ़ जिला की पुलिस से न्याय मिलने की उम्मीद खो देने के बाद रिपोर्टकर्ता आशुतोष बोहिदार ने गत शुक्रवार को इस समूचे अपराध की सूचना न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी घरघोड़ा सुश्री चन्द्रकला देवी साहू की अदालत में मिश्रा चम्बर रायगढ़ के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार के मार्फत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत परिवाद एवं धारा 173 के तहत ओवदन पेश करके दिया, जिसके बाद अब अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई प्रारंभ कर दी गई है।
इस प्रकरण को अदालत में पेश करने के बाद मिश्रा चेम्बर के एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि दिनेश भार्गव और जिंदल कंपनी की प्रत्येक रजिस्ट्री की जांच की जानी चाहिये और ऐसी जांच होने पर ही यह सच्चाई सामने आ सकेगी कि और कितने मुर्दों के नाम पर नकली आदमी खड़ा करके दिनेश भार्गव और जिंदल कंपनी ने कानून को धोखा दिया है और गरीब ग्रामीणों की जमीन हड़पा है । एडवोकेट मिश्रा ने मृतक तेजराम के नाम पर स्थित जमीन का जिंदल कंपनी के नाम पर किया गया नामातंरण रद्द करने और मृतक के वारिशानों का नाम दर्ज करने की कार्यवाही की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वे ऐसे फर्जी और अपराधपूर्ण नामातंरण को निरस्त कराने एवं पिछले 20 वर्षों के दौरान जिंदल कंपनी के नाम पर की गई प्रत्येक रजिस्ट्री की गहन जांच कराने की कार्यवाही अपने पक्षकार के निर्देशानुसार प्रारंभ कर चुके हैं एवं बहुत जल्द अपराधी सलाखों के पीछे होगा और बहुत जल्द 20 वर्षों की रजिस्ट्री की सूक्ष्म जांच के बाद इस कंपनी के कई फर्जीवाड़ा की परत खुलेगी । वहीं दूसरी ओर रिपोर्टकर्ता आशुतोष वोहिदार ने बताया कि जिंदल कंपनी के अपराध की रिपोर्ट करने के ही कारण उसे और सरदार महेन्द्र पाल को दिनेश भार्गव डराने के लिये पुलिस से सांठ-गांठ कर झूठे मामले बनवा कर जेल भिजवाने की भरपूर कोशिश किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अग्रिम जमानत पर मुक्त कर दिया एवं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक के उस आदेश पर रोक लगा दिया जिसमें उसे गुण्डा लिस्ट में रख दिया गया था । आशुतोष वोहिदार का कहना है कि जिंदल के इशारे पर ही पुलिस ने उसके विरुद्ध उपरोक्त कार्यवाही किया था लेकिन अदालत ने हर बार उसके साथ न्याय किया है। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी चन्द्रकला देवी साहू की अदालत में दिनेश भार्गव के विरुद्ध गंभीर अपराधों का प्रकरण पेश होने के बाद न्यायालय ने इस समूचे अपराध पर 9 दिसम्बर तक न्यायालय में प्रतिवेदन पेश करने हेतु पुलिस थाना तमनार के थानेदार को ज्ञापन भेजा है।

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