जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी के पूर्व कर्मचारी की करामात
डमरूआ न्यूज़/रायगढ़। कूट रचित ज्वाइनिंग लेटर देकर छात्रा से ठगी करने वाला आरोपी कोतरारोड पुलिस की नजर में बेचारा एवं बेगुनहगार है। यही कारण है कि शिकायत के लगभग 2 माह बाद भी पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। इस फर्जीवाड़े की शिकार छात्रा दर्जनों मर्तबा थाना एवं पुलिस के चक्कर काट-काट कर अब थक चुकी है।
शहर के कोतरारोड़ की पुलिस फ़र्ज़ीवाड़े के आरोपी पर मामला पंजीबद्ध करने के बजाय उससे दामाद जैसा व्यवहार कर रही है। आरोपी और पुलिस की लगातार बातचीत हो रही है, आरोपी पुलिस को रोज नए नए बहाने बनाकर संतुष्ट कर दे रहा है, जिससे पुलिस उसे बेचारा समझकर उस पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है बल्कि उसे बचाने का भरपूर प्रयास कर रही है।
जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार राजेश पिता भगत साहू, उम्र- लगभग 21 वर्ष, निवासी बेलहाडीह, पो, लवसा, जिला- सक्ती (छ.ग.) ने किरोड़ीमल नगर में रहते हुए कई छात्र छात्राओं से ठगी की है। राजेश ने जेएसडब्ल्यू कंपनी का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि राजेश जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी का कर्मचारी भी रह चुका है, ऐसे में इस फर्जीवाडे में उक्त कंपनी के कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के संलिप्त होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। आरोपी ने कंपनी के अभिजीत नाम के अधिकारी का हवाला देकर पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।
ज्वाईनिंग कराने कंपनी में भी बुलवाया
कोतरारोड़ पुलिस को एक छात्र की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया है कि जेएसडब्ल्यू कंपनी में ज्वायनिंग कराने के लिए कंपनी के गार्ड रूम तक ले जाया गया था, वहां आरोपी रुकने के लिए बोला और स्वयं कंपनी के भीतर गया, लेकिन कुछ देर में ही वहां से वापस आ गया और छात्रों को वापस अपने घर जाने की बात कहकर नौकरी नहीं मिलने की बात की गई, आरोपी ने यह भी कहा कि वो लिए गए रूपयों को वापस दे देगा लेकिन रूपया वापस नहीं आया।
पीड़ितों के हितों की रक्षा नहीं कर पा रही कोतरारोड पुलिस
चर्चा है कि इस पूरे मामले में 25/08/2024 को थाने में शिकायत की गई है, इधर आरोपी पर मामला दर्ज करना छोड़ पुलिस की ओर से आरोपी का बचाव करने का कोई मौका नहीं गंवाया जा रहा है। आरोपी को लगातार मौके पर मौके दिए जा रहे हैं. आरोपी को पुलिस द्वारा रकम लौटाने की नियत मियाद पूरी होने के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। ऐसे में पुलिस आरोपी के मोबाइल पर घंटी करती है और कृपया फोन रिसिव करो…की मुद्रा में दिखाई दे रही है, लेकिन कूट रचित इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज तैयार कर नौकरी का झांसा देने एवं लाखों की ठगी करने के अपराध में पर एफ.आई.आर. नहीं की जा रही है. इस अपराधी पर पुलिस सोसल पुलिसिंग का प्रयोग किस लिए कर रही है यह समझ से परे है।