राजा खान की विशेष रिपोट
रायगढ़ घरघोड़ा क्षेत्र के आस-पास के लगभग सभी ग्रामों में गणेशूत्सव आते ही खुड़खुड़िया जुए की महफ़िल सजनी शुरू हो जाती है जो की लगभग एक सप्ताह तक प्रायः प्रतिदिन चलती है। यहाँ गणेश मेला कार्यक्रम तो लगभग खत्म हो गया है पर खुड़खुड़िया मेला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्र में अभी भी सिर्फ झंडी मुंडी वाला जुआ खेलाने के उद्देश्य से मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमे खुड़खुड़िया की बड़ी बड़ी महफिल लग रही है। एक मेले में 4-6 खुड़खुड़िया फड़ लगता है ,जिसे एक ठेकेदार होता है जो थाना,गाँव,पुलिस,सबको मैनेजमेंट करता है।ऐसा ही एक नजारा हमें बीते दिवस घरघोड़ा थाना क्षेत्र स्थित कोटरीमाल गाँव व केराझर गांव में देखने को मिला जहाँ खुड़खुड़िया जुए की बड़ी सी महफ़िल क्षेत्र के नामी खुड़खुड़िया खेलाने वाले नायक.. और राठिया. खाईवाल द्वारा लगाई गई थी इस क्षेत्र में खुड़खुड़िया खेलाने वालों के नाम का जिक्र करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी लोग यहाँ तक की पुलिस भी उनको कहीं ना कहीं ऐसे कामों के लिए जानती है। खुड़खुड़िया एक ऐसा जुआ है जिसमें लाखों के दांव एक रात एक मेले में लगते हैं। ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता है कि सप्ताह भर क्षेत्र के आस पास हर दिन लगने वाले मेलों में कितने लाखों का वारा न्यारा किया जाता होगा । हर साल गणेश मेले के बाद भी जबरन खुड़खुड़िया जुआ मेला का आयोजन अब इतनी आम बात हो चली है कि पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे मेलो में बकायदा अलग से खुड़खुड़िया जुए का बाजार बैठा दिया जाता है जहां शाम से रात- सुबह तक खुलेआम जुआ चलाकर पुलिस प्रशासन को चुनौती दिया जाता है
पुलिस प्रशासन का नहीं दिखता खुड़खुड़िया वालों में भय..
.खुड़खुड़िया खिलाने वालो में पुलिस प्रशासन का तनिक भी भय नजर नही आता ये बड़े अचरज की बात है कि खुलेआम पट्टी बिछा कर,टोकरी में गोटियाँ उलट पलट कर जुआ खिलाने वाले इतने बेखौफ कैसे हो सकते हैं ? जाहिर सी बात है कि पुलिस प्रशासन के साथ अंदरूनी सेटिंग के बाद ही उनकी नाक के नीचे ऐसे जुए की महफ़िल बिना डर भय के सजती है इसलिए पुलिस कार्रवाही करने से डरती है..