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कोलकाता कांड की जांच के बीच ऑडियो क्लिप हुआ वायरल, घोष और दीदी का जिक्र

नई दिल्ली – कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की जांच के बीच एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है। इसे लेकर दावा किया गया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 2 जूनियर डॉक्टर्स बातचीत कर रहे हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के प्रभाव और पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ उनके संबंधों का जिक्र होता है। हालांकि, लाइव हिन्दुस्तान इस ऑडियो की सत्यता को लेकर पुष्टि नहीं करता है। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि वायरल क्लिप में एक आवाज संदीप घोष के सहयोगी डॉ. सारिफ हसन की है, जिससे सीबीआई पहले ही तीन बार पूछताछ कर चुकी है।

 

सूत्रों ने बताया कि ऑडियो क्लिप में दूसरी आवाज डॉ. अनुभव साहा की है, जो घोष की मंडली के खिलाफ बताए जाते हैं। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, साहा ने कहा कि आरजी कर अस्पताल की घटना से महीनों पहले हसन के साथ उनकी बातचीत की यह कॉल रिकॉर्डिंग है। उन्होंने दावा किया, ‘यह बातचीत तब हुई जब हसन ने सरकारी अस्पताल की एंटी-रैगिंग कमेटी और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई। उसने काफी शक्तिशाली लोगों का नाम लेकर मुझे धमकी दी। साथ ही, उसकी लॉबी में शामिल होने या फिर निलंबन जैसे नतीजे भुगतने के लिए कहा था।’

 

‘मैंने सीबीआई को सब कुछ बता दिया’

हालांकि, सारिफ हसन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘यह ऑडियो क्लिप AI से बनाया गया है। मैंने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है। सीबीआई की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है। मुझे भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस केस को लेकर मैं जो कुछ भी कहना चाहता था, वो सब जांच एजेंसी को बता दिया है।’ वायरल क्लिप में यह सुना जा सकता है कि घोष को ‘दीदी’ का संरक्षण मिला है, जो उसे इस्तीफा नहीं देने देती। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रशंसक उन्हें दीदी कहकर पुकारते हैं। राजनीतिक गलियारों में भी सीएम बनर्जी के लिए दीदी नाम का इस्तेमाल होता रहा है।

 

न्याय की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। आशंका है कि रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग को लेकर सोमवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक रैली निकाली। जूनियर डॉक्टरों ने 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को रोकने में पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाए हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच 13 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी गई थी।

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