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लैंलूंगा की तस्वीर @ शिक्षा के मंदिर में शराब का चढ़ावा, इनके सहारे नौनीहालों का भविष्य

शिक्षा विभाग लैलूंगा आखिर कब तक चलेगा प्रभारी बी. ई. ओ. के भरोसे

बदहाल शिक्षा व्यवस्था के कारण बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़ ?

सतीश शुक्ला /लैलूंगा :- छत्तीसगढ़ में सरकार को बदले लगभग छ: माह बीत गए परंतु आज तक लैलूंगा विकास खण्ड को स्थाई विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी नहीं मिल सका । विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी नही होने के कारण विकास खण्ड लैलूंगा कि शिक्षा व्यवस्था बद से बदत्तर होने लगी है । एक तरफ प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी जी. आर. जाटवार की मनमानी चरम पर । प्रभारी बी. ई. ओ. आर जाटवार छ: माह में मुश्किल से दो दिन ही मुख्यालय में रहते हैं । जिसके कारण लैलूंगा ब्लॉक कि शिक्षा विभाग में सही से मॉनिटरिंग नहीं हो रही है । और ना ही शिक्षा विभाग में किसी प्रकार कि व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जा रहा है ।संकुल के प्रभारी तथा संकुल समन्वयकों एवं शिक्षकों में परस्पर तालमेल नही होने के कारण शिक्षक बेलगाम हो गए हैं ।

सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार कई शिक्षक तो केवल उपस्थिति पंजी में अपने हस्ताक्षर करने ही स्कूल जाते हैं । बेलगाम शिक्षकों की बात कहें तो अभी हाल ही में शासकीय प्राथमिक शाला लिबरा में संवाददाताओं की टीम पहुंची हुई थी । उसी समय वहाँ के प्राथमिक शाला लिबरा के का प्रधान पाठक झाँप के ऊपर स्कूली बच्चे तथा ग्रामीणों ने आरोप लगाये है । प्रधान पाठ झाँप सर शराब पीकर स्कूल आते हैं । और कभी भी समय पर नहीं आते हैं, हमेशा शराब के नशे में धुत्त रहते हैं ।

अब गौर करने वाली बात यह है कि ऐसे गैर जिम्मेदार शराबी
शिक्षक के भरोसे स्कूल का संचालन करना कैसे संभव है । तस्वीर देखकर आप स्वयं समझ सकते है । कि शिक्षा का स्तर किनता गिर चुका है, शिक्षक शराब पीकर स्कूल आ रहे हैं और विभाग कार्यवाही करने के बजाए शराबी शिक्षक को संरक्षण देने में लगा है । विकास खण्ड स्तर पर शिक्षा विभाग के बड़े ओहदे पर बैठे प्रभारी बी. ई. ओ. जाटवार ही स्वयं मुख्यालय नही आते हैं । तो ऐसे में शराबी शिक्षक के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे । जिसे आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं । सक्षम बी. ई. ओ. के भाव में शिक्षा विभाग भगवान भरोसे चल रहा है । स्थानीय प्रेस क्लब लैलूंगा के संवाददाताओं की टीम कई स्कूलों में पहुंची तो शिक्षक, मध्यान भोजन का आनंद लेकर झपकी लेते नजर आए । हाल ही में समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली थी कि प्रभारी बी. ई. ओ. जी.आर. जाटवार ने शिक्षा में कसावट लाया है । अगर शिक्षा में कसावट आई होती तो शिक्षा के मंदिर में शिक्षक शराब पीकर नहीं पहुंचते ? जहाँ नौनिहालों का भविष्य गढा जाता हो वह स्थान को इस वक्त शासन – प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं जाना कई संदिग्ध सवालों को जन्म देता । सबसे मजेदार बात तो यह है कि नव निर्वाचित राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा समस्त विभागों की समीक्षा बैठक लिया गया जिसमें प्रभारी बी. ई. ओ. जाटवर नदारत रहे । इससे और क्या बड़ा उदाहरण हो सकता है ।

लैलूंगा विकासखंड में बदहाल शिक्षा व्यवस्था का मामला मेरे संज्ञान में आया है और मेरे समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी बी ई ओ अनुपस्थित रहे
इसे संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी


देवेंद्र प्रताप सिंह सांसद राज्यसभा छत्तीसगढ़

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