जिले में निजी गाड़ियों में लगा विभाग और पदनाम प्लेट।
निजी वाहन में पद लिखवाना नियम विरुद्ध।
खबरों का तांडव, हरिओम पाण्डेय एमसीबी। जिले में लगातार वीआईपी कल्चर में वृद्धि देखी जा रही है, जहां अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर आजकल इसका क्रेज देखने को मिल रहा है। तमाम विभागों के अधिकारी रौब गाठने के लिए अपने निजी वाहनों पर भी पदनाम लिखवा लेते हैं, जो ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन एवं नियम विरुद्ध है।
सरकारी कर्मचारी होना आज के समय में बेहद मायने रखता है। सरकारी कर्मचारी को शादी से लेकर समाज तक में अलग रसूख मिलता है। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों में अपनी निजी गाड़ियों पर अपना पद लिखना आम हो गया है। लोग विभागों और पदों के भी नाम लिखते हैं, जो कानूनी तौर पर सही नहीं है, साथ ही परिवहन विभागों (RTO) के नियमों का उल्लंघन भी है। लेकिन लोग इसकी परवाह नहीं करते। जिला शासन-प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना अति आवश्यक है, जिससे अधिकारियों एवं आमजन में सामंजस्य स्थापित हो। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए जिससे आने वाले समय में अधिकारी इस तरह निजी वाहन में विभाग का नाम और पदनाम का उपयोग ना करें।
क्या है नियम इसे पढ़ना भी जरूरी!
1 सितंबर 2019 से लागू मोटर वाहन कानून (Motor Vehicle Act 2019) में भी स्पष्ट दिशानिर्देश हैं और नंबर प्लेट में कोई भी अन्य बात लिखने को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना गया है। वाहनों के नंबर प्लेट में ऐसा कोई भी पद, मंत्रालय, विभाग आदि लिखने को छेड़छाड़ ही माना जाता है। ट्रैफिक रूल्स के हिसाब से तो नंबर प्लेट पर रोमन में ही नंबर अंकित कराया जा सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, अजीबोगरीब अंकों या अक्षरों में नंबर लिखवाना भी गलत है। इसको लेकर 500 से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. भारत सरकार, कोई मंत्रालय, पद विभाग आदि लिखवाने पर 500 रुपये और नंबरों से छेड़छाड़ पर 5000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन मालिक की गाड़ी भी जब्त की जा सकती है।