डमरुआ न्यूज़/ रायगढ़। पूर्व में मोनेट के नाम से जाने जानी वाली कंपनी अब जेएसडब्ल्यू पॉवर एण्ड स्टील कंपनी के नाम से जानी जाती है, यह कंपनी रायगढ़-खरसिया मार्ग पर नहरपाली गांव के समीप स्थित है। यहां आए दिन मिलीभगत कर लाखों के माल पर सेंधमारी की खबबरें सामने आती रहती हैं। हैरानी की बात यह है कि ये खबरें बड़े गुपचुप तरीके से शांत कर दी जाती हैं, जिन्हें देख सुन कर कंपनी प्रबंधन पर भी सवाल उठते हैं, कि आखिर इस प्रकार की अफरा-तफरी करने वालों के खिलाफ कंपनी प्रबंधन मामला क्यों नहीं दर्ज करवाती है और यदि कोई कार्रवाई करती भी है तो असल गुनहगारों को क्यों बचा लिया जाता है।
दिनांक 13/07/2024 की रात इसी कंपनी के गेट पर चोरी के स्पंज आयरन भरे दो ट्रकों को पकड़े जाने की बात कही जा रही है, अंदर से जो खबर निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक चोरी के माल से लदे कुल चार ट्रक लाईन में लगे हुए थे, जब एक ट्रक पर संदेह हुआ तो उसने अपने आगे के ट्रकों की ओर इशारा कर दिया। इस प्रकार इशारेबाज को बख्स दिया गया और उसके आगे के दो ट्रकां को पकड़ लिया गया, फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है। हालांकि यह कंपनी का अपना निजी मामला है कि वह चोरों को ईनाम दे अथवा सजा दिलवाए, लेकिन सवाल तो उठेगा ही कि क्या इन सब बातों की जानकारियां कंपनी प्रबंधन अपने आला अधिकारियों को देती है, अथवा अपने स्तर पर ही चोरी की गंभीर समस्या का समाधान मिल-बांट कर कर लिया जाता है। जेएसडब्ल्यू की नहरपाली इकाई में शनिवार की रात सिक्योरिटी ने CG10C6543 और CG13LA9429 नम्बर की ट्रकों को पकड़ा है। चेकिंग के दौरान ड्राइवर के पास पायलट गोली का डीओ ऑर्डर था जबकि उनकी गाड़ी में स्पंज लोड था। इस चोरी के स्पंज का मूल्य लाखों में होना बताया जा रहा है। हालांकि कंपनी प्रबंधन ने इस बार ज्यादा हो हल्ला होने की वजह से मामले को पुलिस के हवाले कर दिया है।
बताया जा रहा है कि अभी का मामला पायलट गोली के डीओ में स्पंज आयरन को चोरी छिपे ले जाने के प्रयास का है। जिन स्पंज से भरे दो ट्रकों को पकड़ा गया वो जेएसडब्ल्यू से एनआरवीएस तराईमाल जाने के लिए निकले थे वे ट्रक माँ कामख्या रोड़ कैरियर और विजय रोड़ लाइन के बताए जा रहे हैं, जाहिर है कि कोई भी चालक बिना गाड़ी मालिक की सहमति से इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सकता है। पूरे घटनाक्रम में प्लांट का लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट भी सवालों के घेरे में है।
चर्चा यह भी है कि इस उद्योग में चोरों ने दीमक की तरह अंदर खाने तक चोरी के लिए मिली भगत चल रही है। पायलट गोली के डीओ में बेख़ौफ़ स्पंज आयरन ट्रकों में लोडिंग होकर बाहर निकल रहा हो यह यहां का पहला मामला नहीं है। मैनेजमेंट एसी की ठंडी हवाओं में नींद में गाफिल है और अपराधी उनकी नाक के नीचे घटनाओं को बेख़ौफ़ अंजाम दे रहे हैं जानकारों की माने तो जिस प्रकार की चोरियां यहां हो रही हैं वह बगैर लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट के मिलीभगत के संभव ही नहीं है। खासकर कांटा ऑपरेटर और लोडिंग ऑपरेटर के साथ तगड़े सेटिंग को ही उजागर कर रहा है।
पायलट पर कम्पनी मेहरबान
जेएसडब्ल्यू से फ्लाई ऐश ,पायलट और अन्य सामान 24 घण्टे बाहर निकलते थे, लेकिन कुछ सालों से फ्लाई ऐश और अन्य रॉ मटेरियल को रात के अंधेरे में निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। जबकि पायलट गोली पर कंपनी मैनेजमेंट पूरी मेहरबानी बरतते हुए दिन और रात की खुली छूट दे दी गई। इसी मेहरबानी का फायदा उठाते हुए चोरों ने पायलट की आड़ में स्पंज चोरी का ऐसा नयाब तरीका निकाला जिसका कोई तोड़ फिलहाल मैनेजमेंट के पास नही दिख रहा है।
मोनेट को डुबाने के पीछे भी यही गिरोह था सक्रिय
बताया जा रहा है कि इस उद्योग में वही गिरोह अफरा-तफरी का काम कर रहा है जिसकी बदौलत मोनेट कंपनी को अपना बोर्ड उतारना पड़ा था। यद्यपि वर्तमान में उद्योग का संचालन जेएसडब्ल्यू कम्पनी कर रही है जो काफी नामी और बड़ी कंपनी है जहां करोड़ों का घाटा शायद हिसाब-किताब की बात न समझी जाती हो, लेकिन इस सत्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि जिस महल को दीमक ने चाटना शुरू कर दिया हो उसकी उम्र कम जरूर हो जाएगी। जानकारों की मानें तो कम्पनी का मैनेजमेंट चोरी रोकने के मामले में बेहर सुस्त है। खबर यह भी सामने आ रही है कि जिन रास्तों से पायलट लोड होकर ट्रके गुजरते हैं, उन सड़कों पर ढाबा की शक्ल में कबाड़ चोर आढ़त लगाकर बैठे हुए हैं और वो यहां से निकले दो नंबरी माल को औने-पौने दाम पर खरीद कर दूसरी कंपनियों में सप्लाई कर रहे हैं। इन कबाडियों या फिर पायलट बेच रहे ट्रक मालिको से अब तक चेकिंग या पूछताछ के नाम पर मैनेजमेंट ने पुलिस का भी कोई सहारा नहीं लिया है और न ही स्वयं ही कोई पूछताछ की है। सालों से चल रहे इस सिलसिले से कंपनी को करोड़ों का चूना लग रहा है।
भय प्रताप करा रहा चोरी की पूरी सेटिंग
बताया जा रहा है कि इस उद्योग में रहते हुए और अब वहां से बाहर रहते हुए भय प्रताप नाम का शख्स चोरी की दीमकों का सरदार है। इसी के द्वारा पूर्व में भी और वर्तमान में भी उपर से नीचे तक की सेंटिंग होती है। चोरों पर कोई भी आफत आने से भय प्रताप सिंह उन्हें अभयदान दिलवा देता है।